बेगूसराय, 19 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर बुद्ध की विचारधारा से प्रभावित थे। आज राजनीति धर्म को अपने पंजे में लेकर समाज को दिग्भ्रमित कर रही है। इस प्रकार के भ्रम से निकलने में दिनकर की रचना ''संस्कृति का चार अध्याय'' हमारी मदद करती है।

राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित 115वीं दिनकर जयंती समारोह के पांचवें दिन मंगलवार को निजी विद्यालय में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार ई. कन्हाई पंडित ने कही। उन्होंने कहा कि बेगूसराय के सभी प्रखंड में दिनकर जयंती मनाई जानी चाहिए। इससे शोषण, दमन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। दिनकर की कविता हमें भटकने से रोकती है, देती है सही दिशा।

समारोह की अध्यक्षता दिनकर पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह एवं संचालन शिक्षक दयानंद कुमार ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रामानंद प्रसाद यादव ने कहा कि दिनकर की रचनाएं आज भी युग को प्रेरित करती है। साहित्यकार बबलू दिव्यांशु ने कहा कि दिनकर साहित्य ने सिमरिया की छवि को बदला है। दिनकर का साहित्य ज्ञान का विपुल भंडार है।

उनकी रचनाओं से जो आलोक प्रसारित होता है, वह आज भी समय को प्रकाशित करता है। समारोह को बरौनी प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि शैलेश कुमार, समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, राजेन्द्र राय नेताजी, कृष्णनंदन सिंह पिंकू एवं संजीव फिरोज आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत आगत अतिथियों ने दिनकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। मौके पर विद्यालय की छात्रा वैष्णवी कुमारी एवं श्रुति कुमारी ने स्वागत गान प्रस्तुत किया।

धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक लक्ष्मणदेव कुमार ने किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अभिनव प्रताप, ऋषिकेश, शुभांगी, पंखुरी, आदर्श, बालमुकुंद, सिम्मी, आदित्य, गौरव, रिया, शिवकुमार, आकृति, रवि राज आदि ने दिनकर की विभिन्न कविताओं का पाठ किया। मौके पर पार्षद प्रतिनिधि इसराइल मियां, बद्री प्रसाद राय, मनीष कुमार, जितेन्द्र झा, प्रवीण प्रियदर्शी, ए.के. मनीष, लवकुश कुमार एवं अमरदीप कुमार सहित अन्य उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द

Updated On 20 Sep 2023 12:07 AM GMT
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