जम्मू, 2 जून (हि.स.)। नेकां प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर के लोग भाजपा के कुशासन के सबसे बुरे शिकार हुए हैं, जिसका परिणाम इस केंद्र शासित प्रदेश के लोगों पर अपनी जनविरोधी नीतियों को थोपना है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन जो जम्मू-कश्मीर की प्रॉक्सी सरकार चला रहा है, केंद्र में अपने नौ साल के शासन के दौरान यहां बिजली परिदृश्य को हल करने में पूरी तरह से विफल रहा है। इन वर्षों में बिजली की स्थिति बद से बदतर हो गई है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण मानक से नीचे के विद्युत ट्रांसफॉर्मर और बिजली के तारों सहित घटिया सामग्री का उपयोग है जो भाजपा के 09 वर्षों के शासन के दौरान भ्रष्टाचार के स्तर को साबित करता है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे भाजपा से पूछें कि मोदी सरकार जम्मू क्षेत्र में खराब बिजली परिदृश्य को हल करने में विफल क्यों रही है।

नेकां के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पीने के पानी और सिंचाई की स्थिति भी अच्छी नहीं है। भाजपा के नौ वर्षों के शासन के दौरान पानी का संकट और बढ़ गया है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि सांबा, जम्मू और कठुआ जिलों के कंडी बेल्ट के अलावा, यहां तक कि राजधानी शहर यानी जम्मू में भी सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां लोग नियमित पेयजल आपूर्ति के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसलों के साथ बिजली और पानी की अनियमित आपूर्ति के कारण भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में खराब परिदृश्य के लिए भी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जम्मू प्रांत के अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, यहां तक कि कुछ पीएचसी में पैरामेडिक्स भी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने औद्योगीकरण के अपने दावों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर भी सवाल उठाया, और पूछा कि जम्मू प्रांत में कितने मध्यम, छोटे और बड़े पैमाने के उद्योग स्थापित किए गए हैं। वास्तविकता यह है कि भाजपा की औद्योगिक विरोधी नीति और जीएसटी के बोझ के कारण कई औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं और बड़ी संख्या में उद्योग बंद हो गए हैं। इतना ही नहीं उक्त बंद के कारण हजारों युवाओं की नौकरी भी चली गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल बलवान

Updated On 2 Jun 2023 8:38 PM GMT
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