शिमला, 29 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की शिवालिक पहाड़ियों की आद्रभूमि में मानव निर्मित पौंग बांध जलाशय पर साहसिक गतिविधियों का केन्द्र बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की है।

सोमवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस पर्यटन स्थल में वर्षभर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार झील के आसपास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने और जल क्रीड़ा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। सरकार यहां आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ अनेक साहसिक गतिविधियां आरम्भ करने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। वर्तमान राज्य सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि यह बांध प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से साइबेरियाई क्रेन और रूस एवं ट्रांस अंटार्कटिक क्षेत्रों से सैकड़ों प्रजातियों की निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैले इस जलाशय पर प्रदेश सरकार इसे पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में विकसित करने की तैयारी है। यह महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी विख्यात है। यह वन्यजीव अभयारण्य, रामसर कन्वेंशन द्वारा घोषित 25 अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है। पौंग बांध झील को नवंबर, 2002 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) के रूप में घोषित किया गया है। पौंग जलाशय बड़े पैमाने पर मछुआरों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है और क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। पौंग बांध में प्रवास पर आने वाले पक्षी, पक्षीविज्ञानियों और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/सुनील

Updated On 29 May 2023 6:36 PM GMT
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