नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) फेज- 4 के जनकपुरी पश्चिम -आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर में डेरावल नगर और पुलबंगश के बीच सुरंग बनाने के काम के दौरान इमारतों की स्थिति की मॉनिटरिंग के लिए एक अत्याधुनिक रियल-टाइम वेब-आधारित मॉनिटरिंग मेकेनिज्म शुरू करने के लिए तैयार है।

डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने रविवार को बताया कि डेरावल नगर और पुलबंगश के बीच के खंड में तीन भूमिगत मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे - डेरावल नगर, घंटा घर और पुलबंगश। ये इलाके बेहद भीड़भाड़ वाले हैं और यहां अनगिनत इमारतें हैं जो सदियों पुराने हैं और इनमें से कुछ बहुत अच्छी स्थिति में नहीं हैं।

इसलिए अगले महीने यहां सुरंग खोदने का काम शुरू होने के बाद डीएमआरसी को इन इमारतों की स्थिति पर लगातार नजर रखनी होगी। डीएमआरसी ने अतीत में इसी तरह के कठिन क्षेत्रों में पुरानी दिल्ली में वॉयलेट और येलो लाइनों के लिए बड़ी सफलतापूर्वक निर्माण कार्य किया है। उन निर्माण चरणों के दौरान भी चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग की जाती थी।

हालांकि, इस बार, मॉनिटरिंग सिस्टम को केवल एक बटन के क्लिक के साथ रियल-टाइम मॉनिटरिंग के प्रावधान के साथ डिजिटाइज किया गया है।

इसमें ऑटोमेटिक टोटल स्टेशन, वाइब्रेशन सेंसर, टिल्ट मीटर, लोड सेल जैसे स्मार्ट गेट गैजेट को स्वतः स्थापित करना संभव हो सकेगा, जो डेटा एक्विजिशन सिस्टम (डीएएस) को 24x7 रियल-टाइम डेटा कैप्चर और ट्रांसमिट करने में सक्षम है। जिसमें सभी स्टेकहोल्डर्स को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से वांछित रिर्पोर्ट प्रोसेस होकर प्रेषित होती रहती है। जैसे ही टनलिंग का काम शुरू होता है, उपरोक्त संरचनाओं के व्यवहार से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी और डेटा चौबीसों घंटे मोबाइल/ डेस्कटॉप के माध्यम से कस्टमाइज सॉफ़्टवेयर पर उपलब्ध होगा।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रक्रिया की शुरुआत इस खंड पर आठ अलग-अलग स्थानों से की जाएगी, जहां ऊपर वर्णित उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं जो रियल-टाइम डेटा को सॉफ्टवेयर तक पहुंचाएंगे। ये आठ स्थान डेरावल नगर, घंटा घर, नबी करीम, पुलबंगश और सदर बाजार क्षेत्र में फैले हुए हैं। यह वेब-आधारित मेकेनिज्म इस खंड पर सुरक्षित रूप से सुरंग निर्माण कार्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इसके अलावा, डीएमआरसी एक अन्य पहल के तहत इस बार अपनी सभी टीबीएम को बोर टनलिंग इलेक्ट्रिकल अहेड मॉनिटरिंग (बीईएएम) सिस्टम से लैस कर रही है। यह टीबीएम को मशीन के कटर हेड फेस से 20 मीटर आगे तक भूगर्भीय स्तर की भविष्यवाणी करने के लिए वास्तविक समय की जांच के रूप में काम करने में सक्षम बनाता है। यह अप्रत्याशित रूप से भरे हुए कुओं, गारे और जलकूपों के होने की संभावना व्यक्त कर देता है जिनके उचित व्यवस्था हुए बिना टीबीएम से हिट होने पर जमीन धंस सकती है।

डीएमआरसी अपने फेज-4 के विस्तार के भाग के रूप में लगभग 28 कि.मी. नए भूमिगत कॉरिडोरो का निर्माण कर रहा है, जिसके तहत तीन अलग-अलग कॉरिडोरो में 65 कि.मी. नई लाइनें बिछाई जा रही हैं। यह एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती होगी क्योंकि भूमिगत कॉरिडोर सदर बाजार, नबी करीम और दक्षिणी रिज के महरौली - बदरपुर रोड के भीड़-भाड़ वाले रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले हैं। अब तक, डीएमआरसी ने जनकपुरी पश्चिम – आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर जनकपुरी पश्चिम और कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के बीच 2.2 कि.मी. भूमिगत सुरंगों (ऊपर और नीचे आवाजाही के लिए) का कार्य पूरा कर लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी/अनूप

Updated On 28 May 2023 3:15 PM GMT
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