बिहारशरीफ, 27 मई (हि.स)। नालंदा जिले के पंच पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सुविख्यात राजगीर में हजारों साल से लग रहे मलमास मेला को राष्ट्रीय मलमास मेला का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जन हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपने से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लाख एक पोस्टकार्ड भेजने की तैयारी है।

मेला के दौरान पहले की तरह नाट्य संस्कृति को फिर से लौटने का प्रस्ताव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा लिया गया है। न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि देश और दुनिया में केवल राजगीर ही सभी धर्मों का संगम की आदि भूमि है। यह साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रेरणा भूमि है। मलमास मेला देश और दुनिया का एकलौता मेला है, जहां मेला अवधि में तैतिस कोटि देवी देवता एक महीने तक प्रवास करते हैं। प्रयाग, नासिक, उज्जैन, हरिद्वार जैसे विशाल मेला का आयोजन सदियों से अध्यात्मिक शहर राजगीर में किया जाता है लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण इसकी राष्ट्रीय पहचान अबतक नहीं बन सकी है।

उन्होंने कहा कि राजगीर के मलमास मेला को राष्ट्रीय पहचान और दर्जा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मलमास मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्रदान किया गया है। इसकी खुशी सनातन संस्कृति प्रेमियों में है लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा अब तक इसे राष्ट्रीय मेला का पहचान नहीं दिया गया है।

नीरज ने कहा कि मलमास मेला में जिला प्रशासन उन्हें नि:शुल्क भूमि ,आरआईसीसी उपलब्ध कराये तो एक सौ एक साहित्यिक, सांस्कृतिक नाटकों का मंचन मुंबई के नामचीन रंगकर्मियों द्वारा कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेला की धूमिल हो रही संस्कृति और पहचान फिर से वापस लाने और इसकी राष्ट्रीय पहचान के लिए राष्ट्रीय मेला का दर्जा आवश्यक है। राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिलने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा प्रयाग, नासिक, उज्जैन, हरिद्वार की तरह सैंकड़ों करोड़ रुपये का आवंटन मिलने से न केवल मेला की व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि इसकी पहचान भी बदल जायेगी।

प्रकृति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुखिया नवेन्दू झा और नगर परिषद, राजगीर के वार्ड पार्षद श्रवण कुमार ने कहा कि राजगीर के ऐतिहासिक मलमास मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा दिलाने के लिए ज्ञापन तैयार कर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञापन को सीएम नीतीश कुमार को सौंपा जायेगा। उनसे राष्ट्रीय मेला का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को अनुशंसा भेजने के लिए अनुरोध किया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद

/चंदा

Updated On 27 May 2023 2:33 PM GMT
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