मंडी, 27 मई (हि. स.)। हिमाचल प्रदेश की एकमात्र सीट के लिए हो रहे डैंटल काऊंसिल आफ इंडिया के उप चुनाव के एक उम्मीदवार डा. बनीश कुमार चौधरी ने पोस्टल बैल्ट के माध्यम से होने वाली चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज के तकनीकी युग में डैंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के चुनाव ऑन लाइन होने चाहिए । जिससे इन चुनावों में होने वाली कथित धांधलियों से बचा जा सकता है।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश की एकमात्र सीट जो पूर्व सदस्य की मृत्यू की वजह से खाली हुई है, को लेकर उप चुनाव हो रहे हैं। जिसमें वे भी उम्मीदवार हैं।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं से संबंध रखने वाले डा. बनीश का आरोप है कि पोस्टल बैल्ट पंजीकृत डैंटल डाक्टरों के पास डाक से पहुंच रहे हैं। जिन्हें मतदान के बाद दोबारा डाक से ही वापस भेजा जाना होता है।

उन्होंने कहा कि इसी बीच कुछ लोग मतदाताओं के पास जाकर उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रभावित करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि मतदान की यह प्रक्रिया 20 मई से शुरू हो चुकी है और 13 जून तक पोस्टल मतपत्र वापस पहुंच जाने चाहिए।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 3464 डैंटल डाक्टर पंजीकृत हैं। लेकिन जो उसी साल अपना नवीनीकरण करवाते हैं। उन्हें मतदान करने का अधिकार होता है। इस साल 1522 ने अपना नवीनीकरण करवाया है । ऐसे में 1522 मतदाता मतदान करने जा रहे हैं। छह माह के लिए होने वाले इस चुनाव में वे हिमाचल प्रदेश से एकमात्र उम्मीदवार हैं। जबकि हिमाचल में अपने संस्थान चलाने वाले या उसमें नौकरी करने वाले सदस्य के चुनाव लड़ते रहे हैं। जिससे डैंटल काउंसिल के सदस्य के रूप में अपने निजी संस्थानों के हित में नियम कायदे बनवाते रहते हैं। जिससे हिमाचल प्रदेश के गरीब परिवार के बच्चों को भारी भरकम फीस अदा करनी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि डीसीआई के चुनाव में वे तीन सूत्रीय फार्मूले को लेकर चल रहे हैं। अगर वे चुनाव जीतते हैं तो शिक्षा की गुणवत्ता, चिकित्सका पेशे और इसके ऐथिक्स में सुधार लाने की कोशिश करेंगे। वहीं पर बीएमडब्ल्यू बायो मेडिकल वेस्ट की फीस कम करवाना और पंजीकरण फीस को कम करवाने का वे प्रयास करेंगे।

इस अवसर पर अखिल भारतीय दलित पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद हिमाचल प्रदेश ने भी डा. बनीश चौधरी का समर्थन किया है। परिषद के महासचिव एवं राज्य प्रवक्ता चमन राही ने बताया कि प्रदेश में चल रहे निजी डैंटल कालेज मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें आउट साइडर लोग चुने जाते हैं और वे मनमाने फैसले करवाते हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि निजी डैंटल कालेजों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील

Updated On 27 May 2023 12:38 PM GMT
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