कानपुर (कान्हापुर), 27 मई (हि.स.)। दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन बनाए रखने एवं विकारों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि पशुओं को हर मौसम में हरा चारा मिलता रहे। जिससे उनके स्वास्थ्य एवं उत्पादन पर कोई प्रभाव न पड़े। यह जानकारी शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए आईसीआर अटारी जोन तीन के वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ.रामनरेश ने दी।

उन्होंने बताया कि पशुओं के रखरखाव में प्राय: 60 से 65 प्रतिशत पोषण पर ही आता है। किसान पशुपालक खेत में वैज्ञानिक फसल चक्र अपनाएं एवं हरे चारे को अधिक से अधिक उत्पादन करें। हरा चारा पशुओं को खिलाने से दूध का उत्पादन बढ़ता है। हरे चारे में पशुओं के लिए जरूरी विटामिन का तत्व कैरोटीन काफी मात्रा में होता है।

गर्म मौसम में पशुओं को कैसा दें चारा

शोध अध्येता ने बताया कि पशु पालक गर्मी के मौसम में ज्वार, मक्का, चरी, बाजरा, लोबिया को उगा कर कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकते हैं। हरे चारे के लिए पशु पालक दलहनी व अदलहनी वाली फसलों का मिश्रण करके अपने खेतों पर लगाएं। इससे पशुपालक अधिक लाभ कमा सकते हैं।

हरे चारे से पशुओं को मिलती है विटामिन

डॉ.रामनरेश ने बताया कि हरे चारे को पशुओं को खिलाने से पशुओं को विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ प्रोटीन की आपूर्ति भी होती है। जिससे पशु स्वस्थ रहते हैं और दुग्ध का उत्पादन अधिक होता है। प्रत्येक दुधारू पशु को 15 से 20 किलोग्राम हरा चारा प्रतिदिन खिलाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/मोहित

Updated On 27 May 2023 11:41 AM GMT
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