मंडी, 27 मई (हि.स.)। प्रदेश के सबसे बड़े देवों में से एक बाड़ादेव कनेरी के नये देवरथ की प्राण प्रतिष्ठा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद बनी है। करसोग में पर्यटन व ऐतिहासिक दृष्टि से अनेक मंदिर दर्शनीय है। इन्हीं में से एक है माहोग-कनेरी पंचायत का एक छोटे से गांव का बड़ा प्रसिद्ध बाड़ा की कोठी मंदिर व पजैरठी का देओरा।

बाड़ा देओ, देओ छण्डयारा, टौणा देओ के नाम से प्रचलित मंदिर दे ओ भारथी कोठी न केवल करसोग अपितु मंडी जिला, बिलासपुर जिला, सोलन और शिमला जिले में जीवन के विशेष कष्टों विशेषकर निसंतान होने के कष्ट के लिए पूज्य है। बाड़ादेव/ सहदेव के रूप में पूज्य इस देवता की मन्नत शीघ्र पूरी हो जाती है।

सुकेत रियासत के संस्थापक राजा वीरसेन इन क्षेत्रों में बाड़ादेव के नाम से पूजे जाते हैं। बाड़ादेव के सदियों पुराने देवरथ के नव निर्माण व प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर करसोग उप-मंडल के कनेरी गांव में देव बाद्यो, मंत्रोच्चारण, भजन-कीर्तन से न केवल कनेरी-कलाशन बल्कि संपूर्ण शिकारी देवी-कमरुनाग पर्वत श्रृंखला गूंज उठी।

बाड़ा देव समिति के प्रधान बुद्धि सिंह,उप-प्रधान युवराज,सचिव सह-सचिव हेमराज, महता भूपेंद्र ठाकुर, कोषाध्यक्ष और कुठियाला नंदलाल, पुजारी धर्मदेव, कटवाल नंदलाल, बसनु रामुराम, गूर शांति लाल दुनीचंद, भीम सिंह कारदार व देवहार ढाढी- बाजगी व क्षेत्र के लोगों द्वारा बनाए जाने वाले इस नवीन देवरथ की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लंबे समय से बेहद जोरों से चल रही थी। विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा देवरथ, मुखौटों की प्राण प्रतिष्ठा के दो दिवसीय आयोजन के दौरान कनेरी में खूब रौनक रही। श्रद्धालुओं ने नए देवरथ की हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ढोल-नगाड़ों, करनाल रणसिघो, शहनाई, गुज्हू की देव दोनों के बीच देर रात तक बारी-बारों से देव रथ को कंधों पर उठाकर देवरथ नृत्य का आनंद लिया।

सराओड़ी निवासी भूपेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि बाड़ा देव के कारण कनेरी गांव की बड़ी महिमा है। बाड़ादेव के साथ दंड नायक के पद पर नियुक्त भारथी खमीर सहयोगी देवगण के रूप में प्रसिद्ध हैं। जो भारथी खमीर सात्विक गुणों से संपन्न व्यक्तियों के लिए सौम्य तथा क्रूर कर्मियों कर्मियों और पतकियों के लिए अत्यंत भयंकर है। बाड़ादेव देव कनेरी, देओ छंडयारा, टौणा देओ, वीरसेन, सहदेव अनेक नामों से प्रसिद्ध अत्यंत तेजस्वी न्यायप्रिय निपुण मुक्ति का साक्षात्कार कराने वाले हैं। बाड़ा देव की कृपा से कनेरी माहौग-कलाशन-पांगणा छण्डयारा सुईं-कुफरीधार,बाढो कांढी पंचायत के निवासी व अन्य भक्त सदा निर्भय रहते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील

Updated On 27 May 2023 10:35 AM GMT
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