हरिद्वार, 26 मई (हि.स.)। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास ने अखाड़े में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अखाड़ें परम्पराओं एवं बायलॉज के अनुसार संचालित होते हैं। परम्पराओं का विशेष ध्यान संतों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी कर अखाड़े की छवि को धूमिल करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महंत दामोदार दास, महंत रघु मुनि, महंत दर्शन दास, महंत अग्र दास को अखाड़े से निष्कासित किया गया है। आदि काल से अखाड़े के बायलॉज का ही उपयोग किया जाता है।

महंत दुर्गादास ने शुक्रवार को कहा कि महंत दामोदार दास, महंत रघु मुनि, महंत दर्शन दास, महंत अग्र दास निजी स्वार्थ के चलते भूमाफियाओं के साथ सांठ-गांठ कर भूमि की खरीद-फरोख्त कर रहे थे। पद पर रहते हुए प्राइवेट कार्यों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप संतों का नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर ही सोच-समझकर न्याय संगत फैसले लेते हैं, लेकिन इन संतों द्वारा अखाड़े की परम्पराओं को नष्ट करने का काम किया जा रहा था। कुछ भूमाफियाओं के साथ मिलकर भूमि खरीदने का काम किया जा रहा था।

महंत दुर्गादास ने कहा कि संत अखाड़ों की सम्पत्ति का निजी एवं स्वार्थपूर्ण उपयोग नहीं कर सकते हैं। अखाड़े, आश्रमों की सम्पत्ति का संरक्षण, संवर्धन करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रलोभन के चलते इन संतों द्वारा भूमाफियाओं के साथ मिलकर प्राइवेट जमीने खरीदी जा रही थी, जो कि न्याय संगत नहीं है। जो भूमाफिया हैं उन्हें अखाड़े में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा।

उन्होंने कोठारी महंत मोहनदास के गायब होने पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि इस मामले की भी निष्पक्ष सीबीआई जांच होनी चाहिए, जो भी आरोपित हैं उनके चेहरे सामने लाये जायें। महंत दुर्गादास ने कहा कि 500 वर्षों से परम्पराएं चलती आ रही हैं। अखाड़े की जमीन बिना प्रस्ताव व अनुमति के कोई भी नहीं ले सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रम फैलाना बंद करें। अखाड़े की छवि को धूमिल न करें।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

Updated On 26 May 2023 7:50 PM GMT
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