फ़िरोजपुर में सारागढ़ी यादगार का निर्माण होगा पूरा, अमृतसर में बनेगा सैलीब्रेशन डेस्टिनेशन
पंजाब के मुख्यमंत्री ने पहले टूरिज्म सम्मेलन और ट्रैवल मार्ट का किया उद्घाटन
चंडीगढ़, 11 सितंबर (हि.स.)। एमिटी यूनिवर्सिटी में पहले टूरिज्म सम्मेलन और ट्रैवल मार्ट के उद्घाटन समारोह में सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतसर में रोजाना लगभग एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। अब राज्य सरकार पंजाब के अन्य स्थानों पर पर्यटकों को लुभाने के लिए विशेष पहलुओं पर ध्यान दे रहा है। मान ने कहा कि पंजाब के हरेक गांव में शहीदों के स्मारक हैं, जिन्होंने आज़ादी से पहले और बाद में देश की ख़ातिर जानें कुर्बान की, जिसके बारे दुनिया को बताने की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी ‘ग्लोबल सिटिजन’ हैं, जिन्होंने अपनी सख़्त मेहनत और समर्पण से विश्वभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। पंजाबियों को यह सख़्त मेहनत और सहनशीलता की भावना बचपन में मिली है।
यहां निवेशकों के संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि सभी निवेशक और उद्यमी दूर-दराज इस समागम में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे हैं। सामूहिक कोशिशों से आने वाले दिनों में पर्यटन क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। पंजाब को विश्व पर्यटन स्थान के तौर पर उभारने में हमारी सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की बेमिसाल कोशिशों के द्वारा पंजाब में 50840 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील ने जमशेदपुर के बाद सबसे बड़ा निवेश पंजाब में किया है। इसके इलावा जिन्दल स्टील, वरब्यो, कलास, टैफे, हिन्दोस्तान लीवर और अन्य कंपनियाँ भी पंजाब में निवेश कर रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पहलकदमी से पंजाब के 2.25 लाख नौजवानों को रोज़गार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने अमृतसर में 50 से 100 एकड़ ज़मीन में ‘सैलीब्रेशन डेस्टिनेशन’ की स्थापना का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ख़ुशी के मौकों पर जश्न मनाने के लिए इस सैलीब्रेशन प्वाइंट पर बैंकुइट हालों का निर्माण किया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अपनी तरह का यह पहला ‘ सैलीब्रेशन प्वाइंट’ राज्य में पर्यटन को उत्साहित करने के लिए सहायक साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सारागढ़ी यादगार मुकम्मल करेगी जिससे 21 बहादुर सैनिकों की तरफ से बलिदानों को हमेशा याद रखा जा सके, जिन्होंने सारागढ़ी की जंग में देश की प्रभुसत्ता की रक्षा करते हुये जानें न्योछावर कर दी थीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह जंग बहादुरी की बेमिसाल गाथा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चाहे 36वीं सिखज़ के सैनिकों की मिसाली गाथा समाना रिज्ज (अब पाकिस्तान) में घटी है, जिन्होंने 12 सितम्बर, 1897 को 10,000 अफगानियों के हमले के खि़लाफ़ घमासान लड़ाई लड़ते हुये बलिदान दिये। उन्होंने कहा कि इसकी मिसाल दुनिया के इतिहास में नहीं मिलती परन्तु पिछली सरकारों ने इस ऐतिहासिक घटना को अनदेखा किया और यहां तक कि इस यादगार के लिए फंड नहीं जारी किये गए। उन्होंने कहा कि हमनें बकाया फंड जारी कर दिए हैं, जिस कारण अब इस यादगार को जल्दी से जल्दी मुकम्मल किया जायेगा। इस मौके पर पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने अपने संबोधन में पर्यटन सम्मेलन में पहुँचे आदरणियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पहली बार पंजाब पर्यटन क्षेत्र में अपने दरवाज़े खोल रहा है। अनमोल गगन मान ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के इलावा पर्यटन के बाकी क्षेत्रों को भी विकसित किया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील