नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत की अमृत काल यात्रा के स्टार्टअप पथप्रदर्शक हैं। पिछले 10 वर्षों में कृषि क्षेत्र में 142 से अधिक स्टार्टअप सामने आए हैं और इस सूची में 60 और स्टार्टअप जोड़े जाएंगे। शुक्रवार को एटीएमएएन-2023 नामक एग्री-टेक स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश के सामने आने वाली कृषि चुनौतियों का समाधान करने के लिए चार आईआईटी - रोपड़, बॉम्बे, इंदौर और खड़गपुर का एक सही संगम है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने एटीएमएएन-2023 को एक अनूठी पहल बताते हुए कहा कि यह सम्मेलन कृषि स्टार्टअप और नवाचारों के लिए एक विशेष मंच प्रदान करता है जिसके तहत सब एक टीम के रूप में मिलकर काम कर रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों का विकास रोपड़, बॉम्बे, इंदौर और खड़गपुर आईआईटी जैसे चार प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेटा-संचालित निर्णय लेने की क्षमता और कृषि प्रथाओं में बदलाव से कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण और सुधार किया जा सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के पारंपरिक कृषि क्षेत्र में तकनीकी हस्तक्षेप किया जाए, इसे आधुनिक बनाया जाए, चुनौतियों का सामना किया जाए, स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाया जाए और वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए। सीएसआईआर के लैवेंडर मिशन की सफलता का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस खेती ने कई किसानों के जीवन को बदल दिया है जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री ने मन की बात के 99वें संस्करण में किया था। केंद्र सरकार के अरोमा मिशन के माध्यम से किसानों को मदद मिली है। इस नई खेती से किसानों की आय में काफी वृद्धि हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/अनूप

Updated On 29 Sep 2023 5:56 PM GMT
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