लखनऊ, 19 सितम्बर (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उप्र की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह महिला आरक्षण बिल के साथ हैं। आबादी के हिसाब से 50 फीसदी आरक्षण रहे तो अच्छा रहेगा। आरक्षण में एससी-एसटी और ओबीसी का कोटा सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

बसपा प्रमुख ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता कर कहा कि आज आए महिला आरक्षण विधेयक में हमारी पार्टी की ओर से की मांग पर अमल नहीं किया जाता है तो भी हमारी पार्टी संसद में प्रस्तुत किए जाने वाले महिला आरक्षण बिल को समर्थन और पास कराने में मदद करेगी। क्योंकि यहां पर हर धर्म और जाति की महिलाओं को हर मामले में पुरुषों की तुलना में अभी तक पिछड़ा बनाकर रखा है। देश में सर्वसमाज की महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और उनकी हालत में जरूरी सुधार लाने को लेकर बातें तो बहुत की जाती हैं लेकिन उन पर पूरी ईमानदारी और साफ नियत से अमल करने की बजाए उनकी घोर अनदेखी करना तथा आधे अधूरे मन से काम किया जाता है। जैसा कि संविधान के मानवीय और कल्याणकारी उदृेश्यों के साथ ही पहले एससी-एसटी और अब ओबीसी समाज के आरक्षण को निष्क्रिय और निष्प्रभावी बनाने का खिलवाड़ लगातार किया जा रहा है। इन मामलों में कोई भी पार्टी किसी से कम नही हैं। बल्कि कोई पार्टी थोड़ा कम और थोड़ा उससे ज्यादा है।

बसपा प्रमख ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में जाने का मौका मिला है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आज नवनिर्मित संसद भवन की भी शुरुआत की जा रही है। हमारी पार्टी दिल से स्वागत करती है। आज इस नये संसद भवन में केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण बिल प्रस्तूत किया जाएगा। यह खबर मीडिया में चर्चा का विषय है। जिसके पक्ष में बसपा सहित अधिकांश पार्टियां अपना मत देंगी, इसकी भी संभावना है। अन्य पार्टियों के बारे में भी ऐसी स्थिति में हमारी पार्टी को पूरी उम्मीद है कि चर्चा के बाद इस बार ये महिला आरक्षण बिल जरूर पास हो जाएगा जो काफी समय से लटका हुआ है।

इस संदर्भ में मैने अपनी पार्टी की ओर से संसद में एक बार नहीं कई बार कहा था कि हमारी पार्टी तो यह चाहती है कि देश की महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा के विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत की बजाए उनकी आबादी को ध्यान में रखा जाए तो 50 फीसदी आरक्षण हो। इसका भी हमारी पार्टी तहे दिल से स्वागत करेगी। सरकार इसके बारे में भी जरूर सोच विचार करे। इसके साथ ही साथ यह भी कहा था कि महिलाओं को जो भी आरक्षण दिया जाता है, उसमें एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग की महिलाओं का कोटा अलग से कोर्ट सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/दिलीप

Updated On 20 Sep 2023 12:02 AM GMT
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