मलेशिया और भारत रणनीतिक मामलों के लिए कार्य समूह बनाने पर हुए सहमत

- द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को विस्तार देने के लिए व्यावहारिक पहल पर हुई व्यापक चर्चा
- भारत ने सहयोग को विस्तार देने के लिए मलेशियाई पक्ष के समक्ष रखा 8 सूत्री प्रस्ताव
नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। मलेशिया-भारत रक्षा सहयोग समिति (मिडकॉम) की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई 12वीं बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा रक्षा सहयोग का आकलन किया। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों सहित आपसी हित के मुद्दों और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को विस्तार देने के लिए व्यावहारिक पहल पर व्यापक चर्चा हुई। मलेशिया और भारत ने रणनीतिक मामलों के कार्य समूह की स्थापना करने पर सहमति व्यक्त की।
बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और मलेशिया के उप महासचिव (नीति) मोहम्मद यानि बिन दाउद ने की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने 27 जुलाई को सैन्य सहयोग पर उप समिति और 18 सितंबर को रक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी और उद्योग सहयोग पर हुई संयुक्त उप समिति की बैठकों के परिणामों की समीक्षा की। मलेशिया और भारत के बीच रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं को संभालने के लिए मिडकॉम और दो उप समितियों के बीच एक सलाहकार तंत्र तैयार करने के लिए एक रणनीतिक मामलों के कार्य समूह (एसएडब्ल्यूजी) की स्थापना पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा रक्षा सहयोग का आकलन किया। दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों सहित आपसी हित के मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहल की खोज की। दोनों अध्यक्षों ने साइबर सुरक्षा और वैश्विक कॉमन्स से संबंधित मुद्दों जैसे सहयोग के उभरते क्षेत्रों की दिशा में भी कदम उठाए। उन्होंने विशेष रूप से रक्षा उद्योग, समुद्री सुरक्षा और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्र में सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को बढ़ाने के साधनों की पहचान की।
रक्षा सचिव ने सरकार से सरकार स्तर की भागीदारी, त्रि-सेवा सहयोग, प्रशिक्षण, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, द्विपक्षीय सेवाओं जैसे व्यापक क्षेत्रों में भारत और मलेशिया के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए मलेशियाई पक्ष के साथ 8 सूत्री प्रस्ताव साझा किया। रक्षा सचिव ने जहाज निर्माण और रखरखाव योजनाओं में मलेशियाई सशस्त्र बलों के साथ सहयोग करने और घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला। मलेशिया ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता पर भरोसा जताया और रक्षा उद्योग के क्षेत्र में सह-डिजाइन, सह-उत्पादन और सह-विकास की संभावनाओं पर चर्चा की।
मिडकॉम के दौरान दोनों देशों ने आपसी विश्वास और समझ, सामान्य हितों और लोकतंत्र और कानून के शासन के साझा मूल्यों के आधार पर उन्नत रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मलेशियाई प्रतिनिधिमंडल ने डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ भी बातचीत की और पारस्परिक हित के क्षेत्रों की पहचान की। प्रतिनिधिमंडल का मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड, मुंबई और पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय में बातचीत के लिए 20 सितंबर को जाने का कार्यक्रम है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन
