भोपाल, 29 मई (हि.स.)। भोपाल का अर्बन टाइगर मॉडल उत्तर प्रदेश के बरेली मंडल स्थित पीलीभीत, राजस्थान की राजधानी जयपुर और मध्य प्रदेश के जबलपुर सहित देश भर में उन शहरों में लागू किया जाएगा, जिनसे जंगल सटे हैं और बाघों की आवाजाही रहती है। यह निर्णय सोमवार को भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की बैठक में लिया गया।

दरअसल, एनटीसीए के 30 सदस्यों ने रविवार को भोपाल का अर्बन टाइगर मॉडल का भ्रमण किया था। उन्होंने बाघों की निगरानी के लिए लगाए गए ईआई सर्विलांस सिस्टम और आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस की प्रशंसा की थी। सोमवार को इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फारेस्ट मैनेजमेंट (आईआईएफएम) में आयोजित बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई है। जिसमें सदस्यों ने देश के ऐसे सभी शहरों में इस व्यवस्था को लागू करने पर सहमति जताई है, जिनसे जंगल जुड़े हैं और उनमें बाघ सक्रिय हैं। इसके लिए मैनेजमेंट प्लान बनाने को कहा गया है।

बैठक में भोपाल में बाघ भ्रमण क्षेत्र में कालोनियां विकसित होने पर चिंता जताई गई। सदस्यों ने राज्य सरकार को इस क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाने के सुझाव दिए। सदस्यों ने यह सुझाव भी दिया कि बगैर किसी ठोस शोध के टाइगर रिजर्व और बाघ भ्रमण क्षेत्रों में कोई प्रयोग न किया जाए। प्रयोग करने से पहले यह भी देखा जाएगा कि किए गए शोध के परिणाम सकारात्मक आए हैं या नहीं।

एनटीसीए के सदस्यों ने देशभर के संरक्षित क्षेत्रों के बीच कारिडोर विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकारों को इस पर गंभीरता से काम करना चाहिए और दो संरक्षित क्षेत्रों को जोड़ने वाले गलियारे में आने वाले खुले क्षेत्रों में हरियाली बढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से बाघ-मानव द्वंद्व को रोका जा सकता है। विशेषज्ञों की यह चिंता इसलिए भी है, क्योंकि देश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात

Updated On 30 May 2023 12:25 AM GMT
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