नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आकांक्षी ब्लॉक तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चयनित गांवो में बाल अधिकारों के उत्तम क्रियान्वयन के लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आयोग की इस महत्वकांक्षी योजना का उद्देश्य उन बच्चों तक विकास के अवसर पहुंचाना है जो किसी कारणवश अपने वैधानिक और संवैधानिक अधिकारों से वंचित रह गए हैं।

आय़ोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया देश के सभी आकांक्षी विकास खंडों (ब्लॉक्स) और वाइब्रेंट विलेज में बच्चों की शिकायतों का निवारण कर व जोखिम ग्रस्त बच्चों के परिवारों का सरकार की योजनाओं के माध्यम से सशक्तिकरण कर बाल अधिकारों को संरक्षित करने के लिए आयोग द्वारा ब्लॉक स्तर पर बेंच आयोजित करने के निर्णय लिया गया है। इस अभियान की शुरुआत अमरकण्टक मध्यप्रदेश में 26 मई को पहली बेंच लगा कर किया गया है। अंतिम पंक्ति के आख़िरी बच्चे तक पहुंचने के लिए आयोग का यह अभियान देश के सभी आकांक्षी ब्लॉकों में चलाया जाएगा जिसमें शिकायत निवारण के अतिरिक्त जोखिम ग्रस्त परिवारों को सूचीबद्ध करना, किशोरवय बालिकाओं-बालकों को मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूक करना, स्कूल, आंगनबाड़ी बालगृह, अस्पताल इत्यादि का सुरक्षा ऑडिट करना शामिल है।

उल्लेखनीय है कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने आंकाक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (एबीपी) तथा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य विभिन्न विकास मानकों पर पिछड़े ब्लॉकों के प्रदर्शन में सुधार करना है। आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम, आकांक्षी जिला कार्यक्रम प्रोग्राम की तर्ज पर है जिसे 2018 में शुरू किया गया था और इसमें देश भर के 112 जिले शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/प्रभात

Updated On 26 May 2023 8:16 PM GMT
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