नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग मजबूत और भरोसेमंद है। इसकी वजह से देश न केवल महामारी के दौरान दवाओं की अपनी मांग की आपूर्ति कर सका, बल्कि 150 देशों को दवाएं भेजी भी। डॉ. मनसुख मांडविया शुक्रवार को फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर 8वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

फार्मास्युटिकल्स विभाग द्वारा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से भारत को फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस सेक्टर में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उत्पादों के विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

इस मौके पर डॉ. मांडविया ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 का अनावरण किया और चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद का शुभारंभ किया। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने 'सामान्य सुविधाओं के लिए चिकित्सा उपकरण समूहों के लिए सहायता (एएमडी-सीएफ)' नामक एक योजना भी शुरू की। इस योजना का उद्देश्य चिकित्सा उपकरण समूहों में सामान्य बुनियादी सुविधाओं की स्थापना और उन्हें मजबूत करना और चिकित्सा उपकरणों के लिए परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करना है।

डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत को विश्व का फार्मेसी कहा जाता है, आने वाले वर्षों में देश न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि वैश्विक मांग को भी पूरा करने में अधिक योगदान देगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर हमें 'दुनिया की फार्मेसी' बने रहना है, तो हम फार्मास्युटिकल उत्पादों की गुणवत्ता में कोई ढिलाई नहीं बरत सकते, हमारे उत्पादों को वैश्विक बाजार में सस्ता और प्रतिस्पर्धी भी होना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

Updated On 26 May 2023 6:56 PM GMT
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