नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के संज्ञान में आया है कि दो व्यक्ति फर्जी तरीके से दावा कर रहे हैं कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा, 2022 में सही मायने में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबरों के खिलाफ अंतिम रूप से सिफारिश की है। दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। यूपीएससी का सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुल प्रूफ भी है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं।

यूपीएससी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि आयशा मकरानी और तुषार दोनों ने परीक्षा नियमों के विपरीत काम किया है। यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

आयशा मकरानी ने 5 जून, 2022 को प्रारंभिक परीक्षा दी थी और उसमें वह उत्तीर्ण नहीं हो सकी थीं। प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही विफल होने के कराण वह परीक्षा के अगले चरणों में आगे नहीं बढ़ सकीं। इसके बावजूद वह अपनी अंतिम सिफारिश का दावा कर रही हैं। दूसरी ओर आयशा फातिमा पुत्री नजीरुद्दीन, जिनका रोल नंबर 7811744 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिनकी यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वीं रैंक हासिल करने की सिफारिश की गई है।

इसी प्रकार तुषार के मामले में भी यह पाया गया है कि हरियाणा के रेवाड़ी से तुषार पुत्र बृजमोहन भी सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 को उत्तीर्ण करने में विफल रहे। प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही अनुत्तीर्ण होने के कारण वह परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सके। दूसरी ओर बिहार से तुषार कुमार पुत्र अश्विनी कुमार सिंह, रोल नंबर 1521306 यूपीएससी द्वारा 44वीं रैंक पर अनुशंसित वास्तविक उम्मीदवार हैं।

ऐसा करके आयशा मकरानी और तुषार दोनों ने भारत सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए, परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/दधिबल

Updated On 26 May 2023 6:49 PM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story