हरिद्वार, 26 मई (हि.स.)। कनखल स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई। बैठक के प्रथम दिवस के दो सत्रों में भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर कुठराघात, समलैंगिकता, लिव इन रिलेशनशिप, देश के सभी मठ-मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना जैसे विषयों पर संतों ने अपने विचार प्रकट कर चिंतन मनन किया। संतों ने अवैध धर्मांतरण और वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने विचार प्रकट किए।

बैठक के अंतिम दिवस का समापन सत्र श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी युगपुरुष महामंडलेश्वर परमानंद महाराज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। बैठक में शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने संतों का माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

समापन सत्र का विषय देश के समस्त धर्माचार्य तथा संतों से विश्व हिन्दू परिषद का आदिवासी, वनवासी, वंचित क्षेत्रों में वर्ष में एक पखवाड़ा प्रवास करने का निवेदन रहा। जिसका संतों ने स्वागत कर सहयोग करने का संकल्प लिया।

राम मंदिर निर्माण के लिए दिया एक करोड़ का चेक

बैठक में शामिल हुईं साध्वी ऋतंभरा ने अपने गुरु महामंडलेश्वर युगपुरुष परमानंद महाराज के माध्यम से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री तथा विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय, विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र को एक करोड़ का चेक राम जन्मभूमि पर बन रहे भगवान राम के मंदिर के लिए भेंट किया।

धर्मसम्मत प्रचार करने की जरूरत

बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने वर्तमान समय में संतों और धर्माचार्यों को गांव-गांव जाकर धर्मसम्मत प्रचार करने की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि आज भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर चौतरफा प्रहार हो रहें हैं। समाज में नकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ रहा है। नैतिक और जीवन मूल्यों का ह्रास हो रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से गलत विमर्श स्थापित किए जा रहें हैं। उनको समझ कर तत्काल प्रतिकार करने की आवश्यकता हैं। परांडे ने कहा कि पंजाब से लेकर पूर्वोत्तर तक धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा है। समाज और परिवार का प्रबोधन वर्तमान समय की महती आवश्यकता है।

बैठक में निर्वाणी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी अजनेशानंद सरस्वती बिहार, घीसापंथाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, गरीबदासाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप महाराज छोडानी धाम, बंजारा समाज के सर्वोच्च धर्मगुरु बाबूसिंह महाराज के साथ अनेक पूज्य संतों ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में देश भर से 350 संतों एवं 70 साध्वी धर्माचार्यों ंने प्रतिभाग किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

Updated On 26 May 2023 6:27 PM GMT
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