मंदसौर: गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ..से गूंजा मंदसौर शहर
मंदसौर, 28 सितम्बर (हि.स.)। शहर में 10 दिवसीय गणेश उत्सव का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया, बप्पा के भक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की आराधना की, गुरुवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर भक्त बप्पा को गाजे बाजे के साथ विदाई देने पहुंचे, तो पूरा शहर गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आना...से गूंजा उठा।
गौरतलब है की 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुआ था 10 दिनों का गणेश उत्सव मनने के बाद 28 सितम्बर को इसका समापन हुआ। गणेश विसर्जन को लेकर मंदसौर नगर पालिका द्वारा शहर के अलग-अलग 20 स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की गई है, यहां पहुंचे सभी भक्तों ने पुजन के साथ बप्पा को विदाई दी। मंदसौर जिला कलेक्टर द्वारा नदी तालाब में प्रतिमा विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया गया था, लिहाजा शहर में नगर पालिका द्वारा 20 स्थानो पर प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की गई, जहां भक्तगण थिरकते हुए पहुंचे और विधि विधान से बप्पा की प्रतिमा का विसर्जन किया और नाम आंखों से विदाई दी। एसपी कलेक्टर भी जल स्तोत्रों का निरीक्षण करते रहें।
युवक की डेम मे डुबने से हुई मौत
जिले के नाहरगढ़ थाना क्षेत्र में गणेश विसर्जन के दौरान हृदय विदारक घटना सामने आई है । गणपति विसर्जन करने गए एक युवक की डेम में डूबने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि नाहरगढ़ निवासी 19 वर्षीय संदीप पिता राजेश प्रजापत ने घर में गणेश स्थापना की थी आज 10 दिन पूरे होने पर वह अपने दोस्तों के साथ गांव में ही शिवना नदी पर बने मंडलोई डेम पर गणेश जी को विसर्जन करने गया था इसी दौरान वह गहरे पानी में चला गया जहां डूबने से उसकी मौत हो गई। मौके से दोस्तों ने ग्रामीणों को मदद के लिए बुलाया तब तक काफी देर हो चुकी थी।
नाहरगढ़ थाना पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से युवक को बाहर निकल कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। साथी पीएम कर परिजनों को युवक का शव सपुर्द कर दिया गया है।अनंत चतुर्दशी के पर्व पर हुई इस ह्दय विदारक घटना के बाद गांव में शोक छाया हुआ है । बताया जा रहा है की घटना के वक्त मृतक के परिजन गांव से बाहर गए हुए थे युवक अकेले ही अपने दोस्तों के साथ गणपति विसर्जन करने गया था। वहीं इस पुरी घटनाक्रम पर पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया