पलामू, 28 सितंबर (हि.स.)। नशा का प्रभाव व्यक्ति पर ही नहीं, बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है। यह बात पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने कही। वे गुरुवार को सदर प्रखंड में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित ‘नशीली पदार्थ का दुरुपयोग व उन्मूलन’ विषय पर जागरुकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि खेती करने वाले अन्नदाता अगर जागरूक हो जाएं तो नशीले पदार्थों का उपज नहीं हो पायेगा। जब आप खेती रोक देंगे तो ड्रग्स बनेगा नहीं। साथ ही कहा कि ड्रग्स बेचने वाला गिरोह गांव के गरीब, नौनिहालों को पैसे का लालच देकर गलत कराता है। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने कहा कि नशा करने वाले के शरीर में खिंचाव होता है। स्वयं या घर में या पड़ोस में सबको नशा से पड़ने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। लीगल एड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि आज के समय में प्रायः देखा जाता है कि 9 से 10 वर्ष की आयु में ही बच्चे ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं।

नशा मुक्ति केंद्र की होगी स्थापना

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर पलामू में शुक्रवार से नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह ने शिविर में बताया कि केंद्र में मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के अलावा काउंसलर रहेंगे, जो नशेड़ियों की देखभाल व इलाज करेंगे। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए पलामू रोल मॉडल बनेगा। इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। ग्रामीणों में पीडीजे के समक्ष क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री व नशेड़ियों से हो रहे समाज को नुकसान की भी जानकारी दी।

इस मौके पर प्रमुख बसंती देवी, उप प्रमुख शीतल सिंह, सरजा मुखिया अलका कुमारी, कौड़िया मुखिया रंजना सिंह, लहल्हे मुखिया पूनम देवी, झाबर मुखिया कविता देवी, सुआ मुखिया दुलारी देवी, जमुने मुखिया लालदेव राम समेत अ लोग उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप कुमार/चंद्र प्रकाश

Updated On 29 Sep 2023 12:10 AM GMT
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