पलामू, 28 सितंबर (हि.स.)। पर्युषण पर्व का समापन गुरुवार को पंचमुहान स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ। सुबह में पूजा अर्चना हुई। दोपहर तीन बजे से शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें जैन समाज में बड़ी संख्या में महिला पुरूषों ने भाग लिया। शोभायात्रा में भगवान महावीर एक सुसज्जित रथ पर सवार थे। शोभायात्रा जैन मंदिर से निकलकर शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी।

इससे पहले पर्युषण पर्व का दसवां दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रूप में मनाया गया। भगवान महावीर की प्रतिमा पर प्रथम अभिषेक विनय, विजय, विशाल एवं मनन बाकलीवाल ने किया। शांतिधारा सुभाष, जंबू, गौरव एवं सौरव गंगवाल ने किया। ब्रह्मचर्य धर्म पर प्रकाश डालते हुए सांगानेर जयपुर से पधारे विद्वान पंडित उमेश जैन ने बताया कि ब्रह्मचर्य बहुत बड़ी साधना है। इसे बाहरी दबाव की बजाय स्वयं की प्रेरणा से आत्मसात किया जा सकता है। ब्रह्म का अर्थ होता है आत्मा। आत्मा की उपलब्धि के लिए किया जाने वाला आचरण ब्रह्मचर्य कहलाता है।

दोपहर में भगवान महावीर को सुस्सजित रथ पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया गया। रथ पंचमुहान, थाना रोड, हॉस्पिटल चौक, कनीराम चौक, बाटा रोड, जिला स्कूल चौक, हेड पोस्ट ऑफिस, छःमुहान से होते हुए वापस जैन मंदिर पहुंचा। सरस निहार छाबड़ा ने भगवान महावीर की प्रतिमा को रथ पर विराजमान किया। सारथी के रूप में धरम चंद, पंकज एवं विशाल पाटनी थे।

जुलूस में मुख्य रूप से अध्यक्ष सरस जैन, सचिव सागर रारा, सुरेश जैन, सुभाष जैन, राजीव जैन, मनोज पहाड़िया, विशाल पाटनी, निशांत पाटनी, मयूर कासलीवाल, महावीर बाकलीवाल, कैलाश गंगवाल, अजीत विनायका, मेहुल पहाड़िया, अनिकेत छाबड़ा, धीरज पाटनी, जैविक पाटनी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। रात्रि में छोटे बच्चो की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित हुई। संचालन अमित रारा एवं स्वेता छाबड़ा ने किया। पुरस्कार वितरण जयश्री बैग एवं वेराइटी के द्वारा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

Updated On 29 Sep 2023 12:10 AM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story