ओट्टावा, 28 सितंबर (हि.स.)। खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रडो के भारत पर आरोपों के बाद कनाडा में बसे भारतीयों में डर का माहौल है। उन्होंने ट्रूडो के आरोपों को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है।

ट्रूडो की संसद में घोषणा के बाद कनाडा में बसा हिंदू समुदाय सतर्क हो गया। उनके ऐलान के बाद हिंदुओं को लगने लगा कि वो मुसीबत में हैं। वो डरे हुए हैं, क्योंकि ट्रूडो ने में संसद में जो कुछ भी कहा उससे ऐसा लग रहा था कि एक हिंदू सरकार ने एक सिख नेता की हत्या कर दी जो पूरी तरह से गलत है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने बीते दिनों निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराया, जिसके बाद दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों में तनाव पैदा हुआ है। इस मामले में अब तक कोई सबूत न पेश कर पाने के कारण कनाडाई प्रधानमंत्री कनाडा में बसे हिंदुओं का भरोसा भी खोते जा रहे हैं।

भारतीय-कनाडाई व्यवसायी रवि शर्मा ने कहा, “संसद में प्रधानमंत्री ट्रूडो की घोषणा कुछ ऐसी थी, जिसे आसानी से टाला जा सकता था। वह आसानी से राजनयिक नियमों को अपना सकते थे।”

भारतीय मूल की एक अन्य कनाडाई नागरिक गीता भदुरिया ने कहा कि इस संबंध में सार्वजनिक चर्चा के स्थान पर राजनयिक स्तर पर बातचीत होनी चाहिए थी। सभी जानकारियों को बाहर लाना चाहिए, क्योंकि जब चीजें एक बंद कमरे में होती है, तो जनता अपने ही चुनी हुए सरकार के लिए संदिग्ध हो जाती है और फिर उनका भरोसा टूटने लगता है।

कनाडाई नागरिकों का कहना है कि हिंदू और सिख कनाडा में हमेशा शांति और सद्भाव से रहे हैं, लेकिन पीएम ट्रूडो के गैर-जिम्मेदाराना बयान से डर का माहौल बन गया है। कनाडा में बसे भारतीय प्रवासियों ने कहा है कि देश की सरकार को यह साबित करने के लिए एक बड़ा सबूत पेश करने की जरूरत है कि भारत सरकार इसमें शामिल थी और इस मामले की पूर्ण, गहन और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। उनका कहना है कि ट्रूडो के आरोप पूर्वाग्रहों से भरे हैं। कोई वास्तविक ठोस सुराग या जानकारी सामने नहीं लाई गई, जिससे जनता यकीन कर सके।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनीत

Updated On 28 Sep 2023 11:59 PM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story