कपास वैज्ञानिकों ने किसानों को दी महत्वपूर्ण जानकारी

हिसार, 19 सितम्बर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साइना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान की ओर से देसी कपास का बीज उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर किसानों को देसी कपास का संकर (हाइब्रिड) बीज उत्पादन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि किसानों को अधिक से अधिक जानकारी मिले।

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने मंगलवार को इस प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। उन्होंने किसानों से फसलों की अधिक उपज लेने के लिए प्रमाणित बीजों को प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा बाज़ार में नकली बीज एवं दवाइयां उपलब्ध हैं जिनसे उन्हें सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा किसान यदि बीज स्वयं तैयार करते हैं तो यह न केवल शुद्ध होगा अपितु उन्हें बाजार से सस्ता भी पड़ेगा जिससे उन्हें फसल से अधिक मुनाफा होगा। डॉ. शर्मा ने किसानों से देसी कपास के बीज उत्पादन में उचित पोषक प्रबंधन, कीट एवं रोग प्रबंधन को अनिवार्य बताते हुए बीज उत्पादन से जुड़ी सभी सावधानियों को कुशलता एवं सटीकता से पालन करने का अनुरोध किया।

कार्यक्रम में हिसार जिला के कृषि उप-निदेशक डॉ. विनोद फोगाट भी उपस्थित रहे जिन्होंने कपास की उत्तम खेती एवं बीज उत्पादन के लिए आयोजित ऐसे प्रशिक्षण शिविरों को किसानों के लिए महत्वपूर्ण बताया और इस दिशा में हकृवि के कपास अनुभाग के प्रयासों की सराहना की। साइना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान के सह निदेशक डॉ. ए.के.गोदारा ने किसानों को सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनने का सुझाव दिया।

प्रशिक्षण दौरान हकृवि वैज्ञानिक डॉ. सोमवीर ने कपास की स्थिति एवं कटाई के बाद देसी कपास के बीज उत्पादन से जुड़ी जानकारी दी। डॉ. करमल सिंह मलिक ने देसी कपास के बीज उत्पादन से जुड़ी सस्य क्रियाओं पर प्रकाश डाला जबकि डॉ. मीनाक्षी जाटाण ने देसी कपास के हाइब्रिड बीज उत्पादन संबंधी विस्तृत जानकारी दी। इसी प्रकार डॉ. संदीप कुमार ने देसी कपास के बीज उत्पादन के प्रयोगिक परीक्षण बारे जानकारी प्रदान की और डॉ. अनिल ने देसी कपास के बीज उत्पादन में कीट प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की।

इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार सैनी द्वारा देसी कपास के बीज उत्पादन में बाधा बनने वाली प्रमुख बीमारियों से निपटने के बारे में बताया गया। डॉ. शुभम लाम्बा ने देसी कपास के बीज उत्पादन में एकीकृत पोषण प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य के महत्व बारे जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में कपास अनुभाग से डॉ. शिवानी मानधनिया एवं डॉ. शिवराज पुंडीर भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

Updated On 20 Sep 2023 12:11 AM GMT
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