भादरवी पूनम मेला : स्वर्ण जड़ित अंबा माता का मंदिर दिव्य रोशनी के शृंगार से जगमगाया
-मंदिर का चाचर चौक में चारों और फैला प्रकाश पुंज, अलौकिक आभा
अंबाजी/पालनपुर, 24 सितंबर (हि.स.)। बनासकांठा जिले की दांता तहसील स्थित माता अंबा मंदिर में भादरवी पूनम महामेला के दौरान आस्था का समंदर उमड़ पड़ा है। माता के श्रीचरणों की एक झलक के लिए श्रद्धालुओं की उत्कंठा देखते बनती है। शनिवार को मेला के पहले दिन करीब 2.75 लाख श्रद्धालु माता मंदिर पहुंचे। अकेले, परिजनों के साथ, पदयात्रा संघों, रथ लेकर, गरबा करते और ध्वजा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को देखकर हर कोई भाव-विभोर हो उठा। समूचा अंबा धाम बोल मारी माता, अंबे माता की नाद से गुंजायमान होता रहा।
श्रद्धा, भक्ति और आस्था के त्रिवेणी संगम से तीर्थ धाम अंबाजी में मिनी कुंभ का माहौल उपजा है। ऐसे में आरासुरी अंबाजी माता देवस्थान ट्रस्ट और बनासकांठा जिला प्रशासन की ओर से भादरवी पूनम मेला को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सुंदर आयोजन किया गया है।
ट्रस्ट और प्रशासन ने अंबाजी में शक्तिपीठ सर्किल से माताजी के मंदिर के प्रवेश द्वार शक्तिद्वार और मंदिर के चाचर चौक समेत मुख्य मंदिर को अद्भुत रोशनी से सजाया है। शक्तिद्वार से मंदिर जाने के रास्ते पर भी रंगीन रोशनी बिखेरी गई है। ऐसा लगता है मानो आरासुरी पहाड़ की गिरिमालाओं में से असंख्य जुगनू इस अवसर पर प्रकाशित करने के लिए उमड़ पड़े हो। प्रकाश की ऐसी चमक कहीं नहीं देखी गई, थकान का असर कहीं नहीं देखा गया। गुजरात त्योहारों, मेलों और पर्वों की भूमि है, लेकिन इसमें अंबाजी शक्तिपीठ की बात ही निराली है। इसकी वजह है कि यहां मां का हृदय विराजमान है और यही कारण है कि दूर-दराज से हजारों किलोमीटर की यात्रा करने वाले भक्तों को थकान में भी मां के दर्शन करने की प्रबल इच्छा पैदा होती है। इस प्रबल इच्छा और रोशनी की जगमगाहट का संगम होता है तो शक्तिपीठ और भी दिव्य हो जाता है।
जिसका एहसास रात के समय की गई रोशनी में हो रहा है और यही कारण है कि सुवर्ण मंडित मंदिर का हिस्सा रंग-बिरंगी रोशनी में जगमग होकर देदिप्यमान हो रहा है। रूपहली रंग-बिरंगी रोशनी जब चाचर चौक पर बिखरती है तो एक अलौकिक आभा उत्पन्न होती है जिसे देखकर श्रद्धालु रोमांच का अनुभव करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद /वीरेन्द्र