अजमेर, 19 सितंबर (हि.स.)। 1993 सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड आतंकी अब्दुल करीम टुंडा की तबीयत ज्यादा खराब होने पर मंगलवार को उसकी कड़ी सुरक्षा के बीच जेएलएन हॉस्पिटल में जांच की गई। पुलिस उसे सेंट्रल जेल से जेएलएन हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग में लेकर पहुंची। यहां प्राथमिक उपचार दिलवाने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच दोबारा जेल में शिफ्ट कर दिया गया। हॉस्पिटल में इलाज करवाने के दौरान कोतवाली और सिविल लाइन थाना पुलिस का जाब्ता तैनात रहा।

जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि लंबे समय से टुंडा बीमार चल रहा है। एक महीने से वह जेल के अस्पताल में एडमिट है। टुंडा को हर्निया और किडनी फंक्शन में दिक्कत आ रही है। मंगलवार को टुंडा की तबीयत ज्यादा खराब होने पर इलाज के लिए कड़ी सुरक्षा में जेएलएन हॉस्पिटल भेजा गया था। बंदूक चलाते वक्त एक हाथ खो देने के बाद अब्दुल करीम का नाम 'टुंडा' पड़ा। उस पर करीब 33 क्रिमिनल केस हैं और करीब 1997-98 में करीब 40 बम धमाके कराने के आरोप हैं। लश्कर जैसे कुख्यात आतंकी गिरोह से जुड़े अब्दुल करीम का नाम टुंडा एक हादसे के बाद पड़ा। वर्ष 1985 में टुंडा टोंक जिले की एक मस्जिद में जिहाद की मीटिंग ले रहा था। इस दौरान वह पाइप की बंदूक चलाकर दिखा रहा था। तभी यह बंदूक फट गई, जिसमें उसका हाथ उड़ गया। इसके कारण उसका नाम टुंडा पड़ गया।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

Updated On 19 Sep 2023 11:59 PM GMT
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