चित्तौड़गढ़, 27 मई(हिस)। जिला कारागृह चित्तौड़गढ़ में मोबाइल लगातार गलत तरीके से उपयोग में लिए जा रहे है। करीब एक वर्ष से लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही है। जेल प्रशासन भीतर मोबाइल के उपयोग पर रोकथाम नहीं लगा पा रहा है। यही कारण है कि चित्तौड़गढ़ जिला जेल में एक पखवाड़े से ही कम समय में मोबाइल मिलने का दूसरा मामला सामने आया है। इस संबंध में जेल प्रशासन की ओर से कोतवाली थाने में फिर से प्रकरण दर्ज कराया है लेकिन अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि किस कड़ी के तहत जेल में मोबाइल पहुंच रहे है। यहां तक पहुंचने में ना तो जेल प्रशासन ने जहमत उठाई और ना ही कोतवाली पुलिस ने।

जानकारी में सामने आया कि शुक्रवार रात को जिला जेल में सघन तलाशी अभियान चलाया गया था। इसमें कारापाल विकास बागोरिया, उप कारापाल अशोक कुमार पारीक, मुख्य प्रहरी चरण सिंह और अन्य स्टॉफ ने मिल जेल में तलाशी ली। सभी ने बैरक संख्या 4, 6, 7 और 8 की तलाशी ली। इस दौरान बैरक नंबर 4 में विचाराधीन बंदी बाड़मेर जिले के गीदा निवासी धनाराम पुत्र वीरेंद्र सिंह जाट के बिस्तर के पास से मोबाइल मिला। धनाराम को इसी मार्च में ही निकुंभ पुलिस ने एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश होने के बाद 13 मार्च को ही उसे जेल भेजा था। जेल प्रशासन ने मोबाइल अपने कब्जे में लेकर थाना कोतवाली में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई। यह रिपोर्ट जेल प्रहरी मनोज पुत्र हरिनारायण शर्मा दी हैं। साथ ही मोबाइल को लिफाफे में पैक कर के पूरे कोतवाली पुलिस को सौंपा है। कोतवाली पुलिस ने मोबाइल जब्त करने के बाद मामले की जांच हेड कांस्टेबल कमलेश को दी गई। जानकारी मिली है कि करीब 13 दिन पूर्व ही जिला जेल से एक ही दिन में तीन मोबाइल मिले थे। इन्हें पुलिस जब्त कर प्रकरण दर्ज किया था। वहीं अब एक बार पुनः मोबाइल मिलने से जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खुल कर सामने आ गई है।

हिंदुस्थान समाचार/ अखिल/संदीप

Updated On 27 May 2023 1:26 PM GMT
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