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दंतेवाड़ा, 29 सितम्बर(हि.स.)। जिले के पारंपरिक शिल्पकारों एवं कारीगरों को छोटे उद्योग स्थापित करने, पारंपरिक व्यवसाय को प्रोत्साहित करने एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लागू की गई है। इस योजनान्तर्गत शिल्पकारों और कारीगरों को कौशल उन्नयन कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण कराना, उनकी योग्यता विकसित करना तथा क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक औजार, टूलकिट उपलब्ध करते हुए विश्वकर्मा प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र प्रदाय कर संपर्शिक मुक्त ऋण प्रदान करना तथा उन्नति के लिए विभिन्न बाजारों से जोडऩा है। योजना के तहत विभिन्न पारंपरिक व्यवसाय जैसे बढ़ई, बढ़ई, नाव बनाने वाला असकार, लोहार, लोहे के औजार निर्माता व अन्य शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार, राकेश पांडे
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