नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-एक’ के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के 256 करोड़ रुपये के रिफंड से जुड़े 10 हजार से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है। इसकी शुरुआत सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल के जरिए की गई थी।

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने ‘विवाद से विश्वास-एक’ योजना के तहत एमएसएमई के 10 हजार से ज्यादा दावों को स्वीकार कर लिया है। इससे एमएसएमई को 256 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान मिला है और गारंटी मुक्त करने से बैंक ऋण का प्रवाह भी बढ़ा है। इस योजना में एमएसएमई को सबसे ज्यादा 116.47 करोड़ रुपये की राहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी है। इसी तरह रेलवे और रक्षा मंत्रालयों के तहत एजेंसियों के मामले में निपटान क्रमशः 79.16 करोड़ और 23.45 करोड़ रुपये का है। इस्पात और बिजली मंत्रालय भी क्रमशः 14.48 करोड़ और 6.69 करोड़ रुपये के रिफंड दावों का निपटान करेंगे।

मंत्रालय के मुताबिक इस समाधान योजना के तहत एमएसएमई कंपनियां कोरोना महामारी के दौरान सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा जब्त की गई प्रदर्शन या बोली गारंटी के 95 फीसदी राशि के रिफंड का दावा कर सकती हैं। वित्त मंत्री ने इस योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की थी। यह योजना 17 अप्रैल को खुली और सरकारी खरीद पोर्टल जीईएम पर दावे जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/पवन

Updated On 26 Sep 2023 6:14 PM GMT
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