इटानगर, 12 सितंबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के लगभग 10 संगठनों के समूह ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सरकार और डाकघर अधीक्षक के खिलाफ राजधानी इटानगर में आज एक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
राज्य के सैकड़ों युवाओं ने न्याय और भर्ती नियमों में सुधार की मांग करते हुए रैली में भाग लिया। रैली आज आकाशदीप बाजार से टेनिस कोर्ट आईजी पार्क तक निकाली गई।
प्रदर्शनकारियों ने डाक विभाग के तहत ग्रामीण डाक सेवक आवश्यकता नियमों में अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्थानीय बोली को लागू करने, जिस राज्य के लिए उम्मीदवार ने आवेदन किया है उस राज्य का अधिवास प्रमाण पत्र रखने, 866 शाखाओं के कार्यालयों में अरुणाचली बेरोजगार युवाओं को तत्काल नियुक्ति देने की मांग की।
अरुणाचल प्रदेश में सभी गैर-अरुणाचलियों की पिछली नियुक्ति को रद्द करना और 866 शाखा पद और 2596 पद के खिलाफ गैर- अरुणाचली उम्मीदवारों की चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल रोकने कि मांग की।
यह डाक विभाग के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश के स्वदेशी लोगों की एक भावनात्मक रैली थी, जिसने राज्य में 866 शाखाओं के कार्यालय के मुकाबले ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के 2596 पदों पर बाहरी राज्य के उम्मीदवारों की भर्ती की है।
अरुणाचल इंडिजिनस पीपुल्स फोरम (एआईपीएफ) के महासचिव तारह अतुंग ने कहा कि इस तरह की नियुक्ति अरुणाचल प्रदेश के स्वदेशी बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।
जीडीएस भर्ती प्रक्रिया पूरे भारत में चल रही है और कई राज्यों जैसे तेलंगाना, मिजोरम, असम आदि के मूल निवासियों को लाभ मिल रहा है लेकिन अरुणाचल प्रदेश को इस नौकरी से अवसर नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार सहित राज्य के तीनों संसद सदस्यों (सांसद) से इस मामले में हस्तक्षेप करने और राज्य कोटा को शामिल करके आवश्यकता नियमों को बदलने और स्थानीय युवाओं को शामिल करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि यह हर बेरोजगार युवा का एक सामान्य मुद्दा है और इसमें सभी को भाग लेना चाहिए। साथ ही कहा कि यह हमारे लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला कदम है और हम अपनी मांग पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने अपना ज्ञापन डाकघर के अधीक्षक को सौंप दिया है और दो बार डाक विभाग के अधिकारियों से भी मुलाकात की है लेकिन परिणाम सकारात्मक नहीं रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार /तागू/अरविंद