अयाेध्या,03 दिसम्बर (हि.स.)। श्रीरामजन्मभूमि के उद्धारक बाबा अभिराम दास महाराज काे संताें ने शनिवार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनकी 41वीं पुण्यतिथि श्रीरामजन्मभूमि समर्पित बाबा अभिराम दास वेद वेदांग शिक्षण-प्रशिक्षण विद्यापीठम, राजघाट उद्यान के पीछे मनाई गई। इस माैके पर एक श्रद्धांजलि सभा आयाेजित हुई, जिसमें संताें ने पूर्वाचार्य के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनके कृतित्व पर प्रकाश भी डाला।

साकेतवासी महंत के शिष्य महंत धर्मदास हनुमानगढ़ी ने कहा कि बाबा अभिराम दास महाराज भजनानंदी संत थे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार रहा। सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। वह गाै, संत सेवी रहे। रामनगरी के सभी संत-महंत उनका आदर- सम्मान करते थे। वह विलक्षण प्रतिभा के धनी संत रहे। उन्हें श्रीरामजन्मभूमि उद्धारक के रूप में जाना जाता है। राममंदिर आंदोलन में उनकी अग्रणी भूमिका रही। रामजन्मभूमि के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्याैछावर कर दिया। राममंदिर के प्रति उनके द्वारा किए गए त्याग काे कभी भुलाया नही जा सकता है। राममंदिर आंदोलन में उनका नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज हाे गया है। आज उन्हीं की त्याग, तपस्या का प्रतिफल है कि श्रीरामजन्मभूमि पर दिव्य मंदिर का निर्माण हाे रहा है। जल्द ही रामलला भव्य भवन में विराजमान हाेंगे। जहां हम सभी संत-महंत, रामभक्त उनका दर्शन-पूजन व आरती कर सकेंगे।

इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी व निर्माेही अखाड़ा महंत दिनेंद्र दास, खड़ेश्वरी मंदिर महंत रामप्रकाश दास, इकबाल अंसारी, रघुवंश संकल्प सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष स्वामी दिलीप दास त्यागी, याेगाचार्य महेश याेगी, समाजसेवी विकास श्रीवास्तव, विदुर, बाबा सुखदेव दास, रवि नागा, नीरज शास्त्री, बाबा सुखदेव दास, रामरतन साहनी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार /पवन

Updated On 22 March 2023 11:50 AM GMT
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