धमतरी, 14 नवंबर (हि.स.)।खरीफ धान फसल की कटाई-मिंजाई अंचल में दु्रत गति से जारी है। वहीं बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान खेतों में धान फसल की कटाई-मिंजाई के बाद रबी फसल की तैयारी में जुट गए है। खेतों की जोताई कर नर्सरी लगा रहे हैं। बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान जिले में 40 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा पर धान फसल लेंगे। वहीं दलहन-तिलहन की खेती भी शुरू हो गई है। इन दिनों किसान-मजदूर खेतों में व्यस्त है।

जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक के किसान-मजदूर इन दिनों खेतों में तैयार खरीफ धान फसल की कटाई-मिंजाई में व्यस्त है। चहूं ओर मजदूर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर बोर सिंचाई सुविधा के सहारे खेती-किसानी करने वाले किसान अपने खरीफ धान फसल की कटाई-मिंजाई के बाद अब रबी धान फसल लेने के लिए तैयारी में जुट गए है। खेतों में सिंचाई पानी भरकर जोताई कर चुके हैं। जल्द ही नर्सरी के लिए बीज का छिड़काव करेंगे। अंचल के ग्राम पंचायत परसतराई, खरतुली, लोहरसी, मुजगहन, रत्नाबांधा, खपरी, पोटियाडीह, देमार समेत आसपास के गांवों में रबी धान फसल के लिए तैयारी शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि हर साल जिले में 40 हजार से अधिक रकबा पर किसान रबी सीजन में धान फसल लेते हैं, लेकिन इस साल अच्छी वर्षा के चलते 60 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा में धान फसल लेने की तैयारी है। वहीं कई किसान अपने खेतों में चना व गेहूं फसल ले रहे हैं, इसके लिए खेतों की जोताई कर बीज का छिड़काव कर चुके हैं।जिले के प्रमुख गंगरेल बांध में 29 टीएमसी से अधिक जलभराव है, जो पर्याप्त पानी है। ऐसे में नहर किनारे धान की खेती-किसानी करने वाले किसानों की उम्मीद गंगरेल बांध से सिंचाई पानी देने पर टिकी हुई है, ऐसे में नहर किनारे के किसान अपने खेतों पर दलहन-तिलहन का छिड़काव नहीं किया है, क्योंकि उन्हें इस साल सिंचाई पानी देने की उम्मीद है। किसान घनाराम साहू, लीलाराम साहू, शत्रुघन साहू, हीराराम साहू, ईश्वर साहू का कहना है कि राज्य सरकार रबी में धान फसल लेने के लिए निर्धारित समय पर गंगरेल बांध से सिंचाई पानी देने की घोषणा करें, ताकि किसान समय पर धान फसल के लिए तैयारी कर सके। समय निकलने के बाद किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है, उनके खेतों पर लगाए दलहन-तिलहन पूरी तरह से खराब हो जाता है। इस संबंध में उपसंचालक कृषि मोनेश साहू का कहना है कि खरीफ सीजन की कटाई-मिंजाई के साथ कुछ किसान रबी सीजन की तैयारी में जुट गए है। ज्यादा से ज्यादा किसानों को धान की बजाय रबी में दलहन-तिलहन फसल लेने प्रेरित कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

Updated On 22 March 2023 11:51 AM GMT
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