गया ,16 नवम्बर (हि.स.)। जिले के गुरुआ प्रखण्ड के राजन पंचायत के ग्राम इटहरी में राजेश कुमार सिंह द्वारा कृषि विभाग के सहयोग से मशरुम की इन्टीग्रेटेड ईकाई स्थापित कर मशरुम का उत्पादन पूरे साल सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इस वर्ष जिला पदाधिकारी के मार्गदर्शन में जिले के सभी प्रखण्डों में मशरुम गांव तैयार कराये गये हैं। इन मशरुम गांवों में महिला किसान मशरुम उत्पादन कर 10 हजार से 15 हजार रुपये तक आसानी से कमा सकेंगी। इसी योजना की स्थलीय प्रगति से अवगत होने के लिये जिला पदधिकारी गुरुआ के राजन पंचायत के इटहरी गांव में स्थापित मशरुम उत्पादन ईकाई पहुॅचे। उन्होने मशरुम कम्पोस्ट तैयार करने से उत्पादन तक की सभी तकनीकी का बारीकी से निरीक्षण किया।

मौके पर उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो एवं उप परियोजना निदेशक, आत्मा नीरज कुमार वर्मा ने जिला पदाधिकारी को बताया कि मशरुम का उत्पादन ‘‘वेस्ट टू वेल्थ’’ की परिकल्पना पर आधारित है क्योंकि इसमें खेतों में किसानों के द्वारा समस्या के रुप में जिसे पराली (भूसा) को कचड़ा (वेस्ट) समझा जाता है उसी का प्रयोग करके मुर्गीपालन से निकलने वाला कचड़ा मुर्गी बीट, जिपस्म, चोकर और बहुत थोड़ी मात्रा में यूरिया का उपयोग कर बहुत ही पौष्टिक बटन मशरुम का उत्पादन किया जाता है।

जिला पदाधिकारी ने मशरुम उत्पादन से होने वाले लाभ की जानकारी लिया जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 05 किलो के मशरुम उत्पादन बैग (किट) को तैयार करने में 50 से 60 रुपये की लागत आती है जिससे 01 से 1.5 किलो मशरुम का उत्पादन होता है और थोक मूल्य पर बेचने पर किसान को आसानी से 80 से 100 रुपये तक प्रति बैग आमदनी हो जाती है। इस बार जिला प्रशसन की ओर से मशरुम गॉव की महिलाओं को 100 से 200 बैग अनुदानित दर पर दिये जा रहे हैं। जिससे उन्हे 10 हजार रुपये से 15 हजार रुपये तक आसानी से आय हो जायेगी। इसके अतिरिक्त मशरुम उत्पादन के बाद बचे हुये मशरुम बैग का उपयोग जैविक खाद के रुप में करके जैविक सब्जी का उत्पादन किया जा सकेगा।

जिला पदाधिकारी ने ईकाई पर उपस्थित शेरघाटी एवं गुरुआ की महिला किसानों से योजना अन्तर्गत उनको दिये जा रहे प्रशिक्षण में मिली जानकारी लिया और उन्हे अपने कर कमलों से मशरुम उत्पादन का बैग वितरित किया।

जिला पदाधिकारी के साथ अनुमण्डल पदाधिकारी, शेरघाटी, सहायक निदेशक, उद्यान, गया, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण, गया, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, गुरुआ, अंचल अधिकारी, गुरुआ, कार्यक्रम पदाधिकारी, गुरुआ, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, गुरुआ, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, शेरघाटी, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं ईकाई के विभिन्न कर्मी रजनी भूषण आदि भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील सौरभ

Updated On 22 March 2023 11:51 AM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story