बेतिया,24 नवंबर (हि.स)। बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन की मझौलिया द्वारा 24 नवंबर को मझौलिया अंचल पर विशाल प्रदर्शन किया गया । प्रदर्शनकारियों के भय से सभी पदाधिकारी कार्यालय छोड़ भाग गए ।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि देश की मोदी सरकार निरंकुश हो गई है । महंगाई आकाश छू रही है । खेत मजदूर और किसान परेशान हैं । खेती घाटे की हो गई है । तो लाजमी है कि खेतिहर मजदूरों को भी उचित मजदूरी नहीं मिल रही है । स्वामीनाथन आयोग के अनुशंसाओं को लागू नहीं किया जा रहा है लेकिन मोदी सरकार को समझ लेना चाहिए कि किसान और मजदूरों का एक मात्र हथियार एकजुट आंदोलन है । इसी एकजुट आंदोलन की ताकत पर किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी को किसान विरोधी तीनों काले कानून को वापस कराया था । अब किसान , खेत मजदूर और ट्रेड यूनियन मजदूरों की एकजुटता बन गई है । अगर हमारी मांगें नहीं मानी तो मोदी सरकार का जाना तय है ।

बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव प्रभुनाथ गुप्ता ने बताया कि मझौलिया अंचल तथा मझौलिया थाना के गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी कारवाई के खिलाफ में यह प्रदर्शन किया जा रहा है । जौकटिया के खेतिहर मजदूर नेता सदरे आलम को जमीन से बेदखल करने का काम मझौलिया पुलिस तथा अंचल के मिलीभगत से जारी है । पिछले 1 साल पहले हमने मझौलिया अंचल पर प्रदर्शन किया था और बरसों से सरकारी जमीनों पर बसे गरीबों को जमीन बंदोबस्त करने का मांग पत्र दिया था । अंचल द्वारा अमीन बहाल कर जमीन की मापी कर ली गई और अमीन के मंतव्य के आधार पर जिन गरीबों को जमीन देना था। आज तक नहीं दिया गया । बिहार सरकार ने घोषणा किया है कि सभी भूमिहीनों को 5 डिसमिल बासगीत जमीन दिया जाएगा । लेकिन ऐसा नहीं हो रहा । मनरेगा में भारी धांधली है ।

Updated On 22 March 2023 11:51 AM GMT
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