बेतिया, 25 नवंबर (हि.स)। बाल विवाह उन्मूलन बालिका शिक्षा एवं घरेलू हिंसा की रोकथाम एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियां से मुक्ति के लिए छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर लिया संकल्प। अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

इस अवसर पर सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने संयुक्त रूप से बाल विवाह उन्मूलन, बालिका शिक्षा, घरेलू हिंसा की रोकथाम एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियां से मुक्ति का संकल्प दिलाते हुए कहा कि पूरे विश्व में बालिकाओं एवं महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के उन्मूलन हेतु संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिवर्ष 25 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के द्वारा महिला हिंसा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक के लिए ‘यूनाइट कार्यक्रम चला रहा है।25 नवंबर 1960 को डोमिनिकन शासक ट्रुजिलो की तानाशाही का विरोध करने वाले तीन बहनों, पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल की ट्रुजिलो द्वारा नृशंसम हत्या करवा दी गई थी।1981 से महिला अधिकारों के समर्थकों के द्वारा इन तीनों बहनों की स्मृति के रूप में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई जिससे बाद में वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र के द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने पर सहमति बनी।

वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा ,महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध हिंसा का स्वरूप विश्वव्यापी है । महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ इस तरह की हिंसा विश्व में सबसे भयंकर, निरंतर और व्यापक मानव अधिकार उल्लंघनों में शामिल है, जिसका दंश विश्व में हर तीन में से एक महिला को भोगना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि इन हिंसा की अधिकांश घटनाएं प्रतिष्ठा,मौन, चुप्पी, कलंक और शर्म के कारण रिपोर्ट ही नहीं होती है ।

सामान्य शब्दों में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा शारीरिक शोषण, यौन शोषण और मनोवैज्ञानिक शोषण के स्वरूपों में प्रकट होती है। इन स्वरूपों की घटनाओं में शामिल है-1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन की घोषणा’ करते हुए महिला के विरुद्ध होने वाले हिंसा को परिभाषित करती है जिसके अनुसार “महिलाओं को धमकी, जबरदस्ती या किसी अन्य स्वतंत्रता से वंचित करने समेत शारीरिक या यौन हिंसा जिससे महिलाओं को मनोवैज्ञानिक अवसाद या पीड़ा सहना पड़े, ऐसे सभी कृत्य लैंगिक हिंसा में शामिल होंगे चाहे वह सार्वजनिक जीवन में घटित हो या निजी जीवन में।”

सतत विकास लक्ष्य ‘कोई भी पीछे न छूटे’ के तहत महिलाओं को समानता, मानवाधिकारों,शांति के साथ विकास को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।संयुक्त राष्ट्र के द्वारा महिला हिंसा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2008 से 2030 ‘यूनाइट अभियान (UNiTE campaign)’ चला रहा है।संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के फलस्वरूप ही ‘घरेलू हिंसा’ पर अंकुश लगाने हेतु कम से कम 155 देशों ने कानून पारित किए हैं इसके अलावा140 देशों ने कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न पर कानून बनाए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक

Updated On 22 March 2023 11:51 AM GMT
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