बेतिया, 27 नवंबर (हि.स)। बेतिया में स्थित जिला परिषद सभागार में रविवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय संगोष्ठी एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रबुद्ध भारती के राष्ट्रीय संरक्षक एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय कश्यप ने संविधान का निर्माण करने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को नमन करते हुए, संविधान के प्रस्तावना का पाठन कराया तत्पश्चात उन्होंने संविधान दिवस के उपलक्ष पर प्रदेशवासियों को बधाई दी एवं उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों, छात्रों, कार्यकर्ताओं को संविधान की शपथ भी दिलाई।

विजय कश्यप ने कहा कि आजादी के बाद भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने और भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोकर रखने के लिए एक मजबूत आधार की जरूरत थी, जिसे बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माताओं ने पूरा किया एवं भारत की आजादी के बाद नागरिकों और देश को आगे ले जाने के लिए एक सशक्त दस्तावेज के रूप में 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था”। संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का अहसास होता है बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश एडीजे सगीर आलम ने कहा कि वो संविधान ही है जिसने सभी को समानता का अधिकार दिया और हमारे अधिकारों की रक्षा भी करता है । इस कड़ी में हमारे देश के लोकतंत्र को हमारा संविधान ही मजबूती से थामे हुए है और हम सभी को इस संविधान की रक्षा करनी चाहिए। देश की राजनीति संतरा के प्रकार लास्ट वाला अंगीकृत भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक एवं संस्था संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन करते हुए देश ने विभिन्न क्षेत्रों में जो भी प्रकट की है उसमें देश की संविधान सभा की उन प्रतिमाओं का अमूल्य योगदान रहा है जिन्होंने अपना सर्वोच्च श्रम एवं समय देकर 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिनों के अथक प्रयास से भारतीय संविधान के रूप में अमूल्य धरोहर अंतिम रूप में राष्ट्र के समक्ष 26 नवंबर 1949 को प्रस्तुत किया।

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने कहा संविधान सभा की अनेकों मूर्धन्य प्रतिमाओं के बीच गोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षाविद मुख्य वक्ता मोहम्मद दानिश ने कहा किसी भी देश की शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है. क्योंकि संविधान के बिना शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित नहीं किया जा सकता। संगोष्ठी कार्यक्रम महिलाओं के सम्मान बढ़ाने में नगर निगम महापौर प्रत्याशी गीता कश्यप उपस्थित रही।

Updated On 22 March 2023 11:51 AM GMT
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