वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को मंगलवार को एक वर्ष पूरा हो गया। मंदिर प्रशासन की ओर से इस दौरान विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। बीते…

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को मंगलवार को एक वर्ष पूरा हो गया। मंदिर प्रशासन की ओर से इस दौरान विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। बीते एक साल में देश-दुनिया से Vishwanaath Temple में दर्शन के लिए आये शिवभक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है। मंदिर प्रशासन के आंकलन के अनुसार चढ़ावे का कुल मूल्य 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, एक साल में कुल 7,35,82,042 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। आइये जानते हैं इन एक सालों में और क्या-क्या हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम से जुड़ी कुछ खास बातों को भी जानते और समझते हैं।

धाम के कारण वाराणसी में बढ़े पर्यटक
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य भव्य स्वरूप होने के कारण वाराणसी में पर्यटकों व दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह से परिवहन, होटल, गेस्टहाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हेंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ़्तार पकड़ रही है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे, अब एक महीने में ही इतने पर्यटक बनारस आ रहे हैं।

एक साल में कई फिल्मी सितारों और बड़े नेताओं ने बाबा दरबार में लगाई हाजिरी
बनारस धीरे धीरे बॉलीवुड के लिए दूसरा शूटिंग ऑप्शन बनता जा रहा है। रणवीर कपूर और आल्या भट्ट स्टारर ब्रह्मास्त्र की शूटिंग जब बनारस में शुरु हुई तो इसके कुछ सीन्स काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में भी शूट हुए थें। अभी हाल ही में एक्टर अजय देवगन, अभिषेक बच्चन, हिमेश रेशमिया और उन्की पत्नी भी बाबा के दर्शन को वाराणसी पहुंचे थे। एक्ट्रेस कंगना रनौत, अर्जुन रामपाल समेत कई बड़े स्टार्स अपने फिल्म रिलीज के पहले बाबा दरबार में हाजिरी लगाने आए थे। आप अगर रात के 2 बजे भी कॉरिडोर क्षेत्र में घूमने निकले हैं तो आपको महसूस ही नहीं होगा कि समय क्यो हा रहा है। चहल पहल इतनी कि माने शाम के 7 बज रहे हों। चौक से लेकर गिरजाघऱ चौराहे तक टूरिस्ट दिखना आम सा हो गया है, जो श्री काशी विश्वनाथ धाम की ही देन है।

सोना, चांदी से भरा बाबा का दरबार
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं की ओर से लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की गयी है। इसमें से 40 परसेंट धनराशि ऑनलाइन सुविधाओं के उपयोग से प्राप्त हुई है। वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी है।

500 परसेंट बढ़ी आय
आस्थावानों द्वारा दिये गये सोना व तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी व आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार 13 दिसम्बर, 2021 से लेकर अबतक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपए से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 परसेंट से अधिक है। बता दें कि धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है।

लोकार्पण के बाद बढ़ी हैं श्रद्धालुओं की सुविधा
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है। पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बेहतर और सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों व दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी है।

4 से 5 साल में निकल जाएगा निर्माण का खर्च
उन्होंने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा। चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी। माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लगात अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी।

पर्यटन बढ़ने से पड़ोसी जिले भी जुड़े गए
बनारस के लिए यातायत सुविधाएं बढ़ी तो इसका पर्यटन क्षेत्र भी विस्तृत होता गया। हाईवे बनने से बनारस के साथ मिर्जापुर, प्रयागराज, सोंनांचल, चंदौली, जौनपुर भी जुड़ गए हैं। सैलानी अब एक दिन की यात्रा में सड़क मार्ग से विंध्यधाम, प्रयागराज तक तो दो से तीन की यात्रा में चंदौली और सोनांचल की घाटियों में सैर सपाटा कर सकते हैं।

बात करें आने वाले समय में मंदिर में होने वाली भीड़ की तो, साल 2022 खत्म होने को है, नए साल पर बाबा के दर्शन को हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। इस साल ये संख्या और बढ़ सकती है। इसके बाद महाशिवरात्रि का त्यौहार जल्दी ही आ जाएगा, इस दिन धाम में रिकॉर्ड भीड़ की संभावना है।

इन एक सालों में काफी कॉन्ट्रोवर्शियल चीजें भी हुई
ज्ञानवापी मस्जिद का मामला भी इस बार कभी हाईलाइटेड रहा। ज्ञानवापी में तथाकथित शिवलिंग मिलने पर सोशल मी़डिया पर #babamilgae का ट्रेंड भी शुरु हुआ। लोगों ने कहा असली बाबा विश्वनाथ मिल गए। नंदो को उनके असली बाबा मिल गए। वाराणसी में दुनिया भर की नजर रही दुनिया भर के पत्रकार यहां डेरा जमाए दिखें।

लोकार्पण के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आने श्रद्धालुओं की संख्या

महीना श्रद्धालुओं की संख्या
दिसंबर - 2021 4842716
जनवरी -2022 7459471
फरवरी - 2022 6856142
मार्च – 2022 7171163
अप्रैल – 2022 6587264
मई – 2022 6290511
जून – 2022 6916981
जुलाई – 2022 7681561
अगस्त – 2022 6711499
सितंबर – 2022 4013688
अक्टूबर – 2022 3830643
नवंबर – 2022 3870403

दिसंबर (1-12-2022 to 12-12-2022 ) 13,50,000
कुल 73582042

Updated On 12 Dec 2022 8:45 PM GMT
admin

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