वाराणसी। वाराणसी में आगामी 28 सितंबर से शुरू होने जा रही रामनगर की विश्व विख्यात रामलीला की सनातन परंपराओं की कड़ी में शुक्रवार को प्रथम गणेश पूजन का आयोजन किया गया। चौक स्थित रामलीला पक्की पर आयोजित रामलीला के पूर्व इस महत्वपूर्ण आयोजन के साथ ही पांचो मुख्य स्वरूपों का प्रशिक्षण आरम्भ हो गया।

मुहूर्त के अनुसार, शाम सवा पांच बजे पूजा आरंभ हुई। रामलीला ट्रस्ट के मंत्री जय प्रकाश पाठक दुर्ग के प्रतिनिधि के रूप में पूजन पर बैठे। सबसे पहले विध्नहर्ता गणेश और हनुमान जी के मुखौटे की पूजा की गई। इसके बाद रामलीला में काम आने वाले औजारों आदि की पूजा की गई। संवाद पुस्तिका की पूजा के बाद ब्राह्मणों ने एक एक संवाद का पाठन किया। यही क्रम पांचों स्वरूपों ने दोहराया। इसके बाद पांच मुख्य स्वरूपों को तिलक लगा कर माला पहनाया गया और उन्हें दक्षिणा प्रदान की गई। उसके बाद पांच स्वरुपों की आरती करने के बाद प्रसाद वितरण के साथ पूजन का समापन हो गया। इसी के साथ पांचों मुख्य स्वरूपों का लगभग पौने दो माह चलने वाला प्रशिक्षण शुरू हो गया।


आज से श्रीराम, भरत, जानकी, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की भूमिका निभाने वाले बालक रामलीला व्यास रघुनाथ दत्त के सानिध्य में बलुआ घाट स्थित धर्मशाला में रह कर संवादों को कंठस्थ करने के साथ भाव भागिमा का अभ्यास करेंगे। इन स्वरूपों को रामलीला के पात्रों के नाम से ही पुकारा जाएगा। अब से लेकर रामलीला समाप्ति तक वे घर से दूर धर्मशाला में ही प्रवास करेंगे। पूजन के दौरान रामनारायण पाण्डेय,शांतनारायन पांडेय, रघुनाथ दत्त,योगेंद्र पाठक,मनोज श्रीवास्तव, चंद्रशेखर शर्मा पप्पू, यादव, अनिल सिंह मणि,रमेश कुमार पाठक,शिवम् पाठक,आलोक शुक्ला,कृष्ण चन्द्र त्रिवेदी समेत बड़ी संख्या में लीला प्रेमी भी मौजूद रहे। बता दें कि बीते 18 जुलाई को किले में श्रीराम, जानकी,भरत, लक्ष्मण और शत्रुध्न की भूमिका के लिए क्रमश: दीपक पाण्डेय,अथर्व पाण्डेय,देवराज त्रिपाठी, अंश तिवारी और सूरज पाठक का चयन किया गया था।

बनारसी नारद

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