वाराणसी। भारत वर्ष के अधिकांश शहरो मे भब्य घंटाघर है। जो उस शहर की ना सिर्फ पहचान है बल्कि ऐतिहासिक धरोहर भी है। चाहे वह देहरादुन हो, या श्रीनगर या फिर अपना शहर बनारस। शहर के मध्य चौक स्थित घंटाघर (कर्णघंटा) को अतिक्रमण मुक्त कर उसे भव्यता प्रदान करने की मांग उठी है। यह मांग बनारस बार के पूर्व महामंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानन्द राय ने संभव दिवस पर नगर आयुक्त शिपु गिरी से की है। इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता मिलिन्द श्रीवास्तव, राजकुमार तिवारी, अंशुमान दुबे, दीपक राय कान्हा, सुरेन्द्र श्रीवास्तव उपस्थित थे।

अधिवक्ताओं ने नगर आयुक्त से मांग करते हुए कहा कि काशी का घंटा घर ऐतिहासिक है। इसे अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए और साथ ही इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया जाए। जिससे इसकी ऐतिहासिकता दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को भी दिखाई दे। जिससे काशी की ख्याति विदेशों तक फैले।

अधिवक्ताओ की मांग पर नगर आयुक्त ने प्रकरण को गंभीर माना और अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार और जोनल अधिकारी चौक की एक कमेटी बना कर 23 सितम्बर तक आख्या तलब किया है। कमेटी अतिक्रमण के बाबत अपनी रिपोर्ट आयुक्त को सौंपेगी।

बता दें कि चौक स्थित घंटाघर का भवन अद्वितीय सुन्दर और इसे संरक्षित कर भव्य रूप दिये जाने को लेकर अधिवक्ता बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय के नेतृत्व मे बराबर शिकायत कर रहे है।

Updated On 13 Sep 2023 4:39 AM GMT
बनारसी नारद

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