राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो चलता ही रहता है, पर कभी-कभी विपक्षी दल सत्तापक्ष की गलतियां निकालने में खुद कितनी बड़ी गलती कर बैठते हैं, इसका उन्हें खुद अंदाजा नहीं होता। हाल ही में ताजा मामाल सामने आया है वाराणसी का जहां कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष और वाराणसी निवासी पूर्व मंत्री अजय राय ने प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था पर घेरने के चक्कर मे एक बड़ी चूक कर दी। कांग्रेस नेता अजय राय ने वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र की एक गैंगरेप पीड़िता का आरोपियों द्वारा बनाया गया वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर कर दिया, जिसमें उन्होंने बिना सोचे समझे दुष्कर्म पीड़िता की पहचान ही उजागर कर दी।

ट्विटर पर किरकिरी होने के बाद कांग्रेस नेता ने टिवीट को डिलीट कर दिया है। कांग्रेस नेता की गलती पर यूजर्स ने जमकर आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राज ने वीडियो अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से शेयर किया और लिखा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जिला वाराणसी के पिंडरा विधानसभा का यह वीडियो इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। ट्रिपल इंजन की सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।" इस ट्वीट के साथ अजय राय ने गैंगरेप के चार आरोपियों द्वारा पीड़िता का सोशल मीडिया पर वायरल किया गया वीडियो भी पोस्ट कर दिया।

नियमानुसार, देखा जाए तो किसी भी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान पुलिस या कोर्ट भी उजागर नहीं कर सकती। लेकिन अजय राय ने केवल पहचान ही उजागर नहीं किया, बल्कि उसका पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। गौरतलब है कि दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है और भारतीय दंड संहिता (IPC) में इसके लिए दंड का प्रावधान है।

अब वीडियो वायरल हुई तो लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की है कि इतना तजरूबेदार नेता ऐसा कैसे कर सकता है। वीडियो पोस्ट होने के घंटे भर बाद ही अजय राय ने पोस्ट डिलीट कर दिया। फिलहाल इस मामले में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से अभी भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ना ही अजय राय ने इस मामले में अभी तक कोई स्पष्टीकरण दी है।

Vipin Singh

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