वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां शंकुलधारा पोखरे के समीप खड़ी एक लावारिस कार के डिग्गी से 92 लाख, 94 हजार, छह सौ रुपये बरामद हुआ था। इस पैसे को लेकर 24 घंटे से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी राज बरकरार रहा। भेलूपुर पुलिस कार के रजिस्ट्रेसन नंबर किसके नाम है कोई जानकारी बता पाने असमर्थ है। इस पूरे मामले के मद्दनेजर वाराणसी पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने गुरुवार देर रात भेलूपुर प्रभारी निरीक्षक रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर कर दिया है और चौकी प्रभारी का ट्रांसफर खोजवां से कोतवाली कर दिया है। पुलिस कमिश्नर ने इस पूरे प्रकरण में डीसीपी काशी जोन को जांच अधिकारी नियुक्त कर पूरे प्रकरण में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। वहीं भेलूपुर पुलिस की सूचना पर आयकर विभाग ने रूपयों को लेकर जांच शुरू कर दी। आयकर विभाग के अफसरों ने बताया कि बरामद रुपये से सम्बंधित व्यक्ति की कोई जानकारी नही मिल सकी है।

गौरतलब हो कि बुधवार देर रात भेलूपुर थाना क्षेत्र के खोजवां शंकुलधारा पोखरे के समीप खड़ी एक लावारिस कार के डिग्गी से 92 लाख, 94 हजार, छह सौ रुपये बरामद हुआ था। भेलूपुर पुलिस ने काफी हीलाहवाली के बाद देर रात रुपये की बरामदगी की सूचना सार्वजनिक की। 24 घंटे बीत जाने के के बाद भी पुलिस ये नही बता पाई कि खोजवां चौकी की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगे सीसीटीवी के कैमरे में कार किधर से आते जाती दिखी ? कार कब पोखरे के पास आ कर खड़ी हुई? कार में सवार लोग उतर कर किधर गए? कार का रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है? कार का मालिक कौन है? इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की ओर से आने बाकी हैं।

इस पूरे प्रकरण में डीसीपी काशी जोन ने बताया कि परिवहन विभाग में कार किसी महिला के नाम से रजिस्टर्ड है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और आयकर की टीम भी लगी हुई है।

बुधवार की देर रात भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दुबे हमराहियों के साथ गश्त पर निकले थे। शंकुलधारा पोखरे के पास जैसे ही पहुंचे, वहां एक कार को संदिग्ध अवस्था में खड़ी देख रूक गए। इसके बाद उन्होंने आसपास के लोगों से कार मालिक के बारे में पूछा। कार स्वामी के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर उन्होंने कार की डिग्गी को किसी तरह खुलवाया, तो एक बोरे में भारी मात्रा में नोट दिखा। इस पर थाना प्रभारी ने नोटों की जानकारी अफसरों को दी। इसके बाद बरामद नोट और वाहन को पुलिस थाने में आई। थाने में नगदी गिनी गई तो 92 लाख, 94 हजार, छह सौ रूपये निकला।

बनारसी नारद

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