मां प्यार और त्याग की वो मूरत है जिसकी बराबरी शायद ही कोई कर सके। बच्चे को जन्म देने से लेकर हर सुख और दुख में मां ही है, जो हमेशा बच्चे के साथ खड़ी मिलती है। किसी एक दिन को मां के नाम करना काफी नहीं होता है, मां से तो हर दिन होता है। मगर, सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस दौर में मदर्स डे मनाने का प्रचलन काफी बढ़ गया है. जिसके चलते कई लोग मदर्स डे काफी धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन आप जानते है आखिर कैसे हुई मदर्स डे मनाने की शुरुआत और इससे जुड़ी कई रोचक बातें। तो चलिए बताते है...

जाने कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत

मदर्स डे की शुरूआत एना जॉर्विस नाम की एक अमेरिकन महिला ने की थी। दरअसल, एना का अपनी मां के तरफ बेहद खास लगाव था। एना अपनी मां से काफी ज्यादा इंस्पायर हुआ करतीं थीं, हालांकि, बाद में अपनी मां की मृत्यु के बाद एना ने शादी न करने का फैसला लेते हुए अपना जीवन अपनी मां के नाम करने का संकल्प लिया। इसी कड़ी में अपनी मां को सम्मान देने के लिए एना ने मदर्स डे की शुरूआत की, इसीलिए ईसाई समुदाय के कई लोग इस दिन को वर्जिन मेरी के नाम से भी पुकारते हैं, वहीं यूरोप में इसे मदरिंग संडे कहा जाता है।

जानें मई के दूसरे रविवार को क्यों मनाते है

एना जॉर्विस ने मदर्स डे (Mother’s Day) की नींव जरूर रखी लेकिन औपचारिक रूप से मदर्स डे की शुरूआत 9 मई 1914 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने की थी। इस दौरान अमेरिकी संसद में कानून पास कर हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का एलान किया गया। तब से अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई जगहों पर मदर्स डे मनाया जाने लगा। वहीं दुनिया के कई देशों में मदर्स डे मार्च महीने में भी मनाया जाता है।

Updated On 14 May 2023 9:02 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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