वाराणसी। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर के टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ और माता गौरा के विवाह की रस्में परंपरागत तरीके से निभाई गई। शनिवार सुबह से ही…

वाराणसी। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर के टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ और माता गौरा के विवाह की रस्में परंपरागत तरीके से निभाई गई। शनिवार सुबह से ही महंत आवास पर विवाह की तैयारियां चल रही थीं। बाबा श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा की प्रतिमा का वर-वधू के रूप में शृंगार किया गया, उनकी चल प्रतिमा को सुंगधित फूल मालाओं से सजाया गया। बाबा भोलेनाथ खादी के वस्त्रों में तैयार होकर फूलों का सेहरा और मउर पहनकर अपनी दुल्हनिया माता गौरा को लेने ब्याहने पहुंचे।

टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ और गौरा के विवाह की रस्म परंपरागत तरीके से निभाई गई। करीब 358 सालों से चली आ रही विवाहोत्सव परंपरा के काशीवासी भी साक्षी बने।

महंत आवास पर सात बजे फलाहर का भोग लगा। दोपहर मे ठंडई के साथ फलाहरी व्यंजन का भोग लगाकर दोपहर दो बजे के बाद संजीव प्रतिमाओं का राजसी श्रृंगार किया। सायंकाल बाबा को फूलों का सेहरा पहनाया गया। सायं काल महंत आवास पर महिलाओं ने विवाह के मंगल लोकगीत गाते हुए परंपरा का निर्वाहन किया।

विवाह आयोजन के लिए गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पर जमा हुईं। मंगल गीतों के गान के बीच बाबा को सेहरा बांधा गया। सभी रस्म महंत डा कुलपति तिवारी के सानिध्य में हुआ। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान रहा।

Updated On 28 March 2023 11:50 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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