Story Of Sub Inspector Deepak Ranawat : हर किसी के जीवन में कोई न कोई ऐसी घटना जरुर घटती है जो कभी न भूलने वाली होती हैं, या फिर उस घटना से ही उन्हें आगे कुछ करने की राह मिल जाती है। ऐसी ही एक घटना घटी वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात एक पुलिसकर्मी के साथ, जब वो कॅालेज ट्रिप पर गए थे। जिसने उन्हें पुलिस वाला बनने को इंस्पायर कर दिया। ट्रिप के दौरान एक गलत वहमी की वजह से उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया, जिसके बाद उन्होंने ठाना कि उन्हें पुलिस में जाना है और आखिरकार अपनी कड़ी मेहनत और कुछ कर गुजरने के जुनून ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचा दिया। IPS नवनीत सिकेरा से ये काफी इंस्पायर रहते हैं। आइए जानते है कौन है ये ऑफिसर और उनकी कहानी...

जानें कौन है ये सब इंस्पेक्टर

हम बात कर रहे है यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर दीपक रनावत (Sub Inspector Deepak राणावत) की, उन्होंने वाराणसी टुडे से बातचीत के दौरान बताया कि जब वो कॅालेज में थे उस दौरान दोस्तों के संग प्रयागराज सरस्वती घाट पर एक ट्रिप पर गए थे। उस दौरान कुछ लड़कों ने वहां पर दुकानदार से झगड़ा कर लिया था, लेकिन हुआ ये कि पुलिस ने गलती से उनकी जगह हमें पकड़ लिया उन्हें लगा कि हमने झगड़ा किया है। उस टाइम मुझे बड़ा अजीब लगा जब पुलिस ने इस तरह से हमें पकड़ लिया। उस इंसिडेंट के बाद मुझे अच्छा नहीं लगा और इस घटना के बाद मैंने ठान लिया कि मुझे पुलिस में भर्ती होना है। इसके बाद मैनें पुलिस में जाने के लिए तैयारी शुरु की और काफी मेहनत के बाद आज इस मुकाम पर पहुंच गया हूं।



आईपीएस नवनीत सिकेरा से हैं इंस्पायर

दीपक रनावत ने बताया कि मुझे पुलिस में जाने की प्रेरणा पुलिस की कार्यशैली, उनकी स्टोरी और उनपर बनी फिल्में और उनके रोल को देखकर भी मिली थी। मैं इनसे बहुत प्रभावित होता था। कई पुलिस ऑफिसर ऐसे थे जिनके बारे में पढ़कर और सुनकर काफी अच्छा लगता था, जैसे नवनीत सिकेरा जी और एएसपी साहब तिवारी जी इन लोगों से काफी प्रभावित रहा हूं। इन्हें देखकर मुझे काफी इंस्पिरेशन मिला। खासकर 2020 में नवनीत सिकेरा सर पर बनी भौकाल वेबसीरीज काफी पसंद आई थी। बता दें कि दीपक रनावत नवनीत सिकेरा कि तरह ही सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है।

अबतक का सबसे टफ वर्कऑउट

उन्होंने अपने सबसे टफ वर्कआउट के बारे में बात करते हुए बताया कि अबतक मेरे पुलिस कार्यकाल के दौरान कई टफ केसेश आए, लेकिन एक वर्कआउट ऐसा था जो थोड़ा मुश्किल था। जब मैं अस्सी चौकी इंचार्ज था ,उस दौरान साकेत नगर में एक लॅाज संचालक की हत्या हुई थी, तब सारी टीमें लगी हुई थी वो चौकी क्षेत्र मेरा नहीं था लेकिन मुझे भी लगाया गया था। वो एक बलाइंड मर्डर केस था काफी प्रयास के बाद भी सबूत नहीं मिल रहे थे, लेकिन काफी मेहनत के बाद हमलोगों ने जौनपुर से हथियार के साथ आरोपियों को पकड़ा था। उस समय अमित पाठक सर एसएसपी थे, जिस दिन ये घटना हुई थी मुझे इस केस में लगाया गया था। हम आरोपियों को पकड़ने जौनपुर गए थे। 10 नंवबंर की बात है, उसी दिन मेरे पापा की डेथ हुई थी और मुझे रात में उसी दौरान सूचना मिली। उस दौरान मैं अपराधियों को पकड़ने में लगा हुआ था, इस पूरे केस को सॅाल्फ करने के बाद ही मैं दो दिन बाद वापस लौटा तो पिता जी का दाह संस्कार किया। बाद में जब मैं आया तो अमित पाठक सर को जब ये पता चला तो उन्होंने मेरी काफी तारीफ की थी। वहीं इस केस में डेढ़ लाख के इनाम की घोषणा भी की गई थी।



मुख्तार अंसारी के सहयोगी को पकड़ने में काफी मुश्किलें आई थी

उन्होंने बताया कि जब शासन में परिवर्तन हुआ था, तब मुख्तार अंसारी के गिरोह के खिलाफ कार्रवाईयां तेज हुई थी। उस दौरान मेरी पोस्टिंग सरैया चौकी पर रही, वहां पर मुख्तार अंसारी का एक सहयोगी रहता था भाई मेराज तो उसपर कार्रवाई करने में काफी अड़चने आई थी, लेकिन अधिकारियों के सहयोग से उसे जेल भेजा गया था और वो पकड़ा गया था। कहा जाता है उसके बारे में कि विधायक कृष्णानंनद राय की हत्या में भी इसने ही मुखबिरी की थी। इसको पकड़ने में काफी मुश्किलें आई थी, इसे ढंढने के लिए हमारी टीम लखनऊ और छत्तीसगढ़ तक गए थे। लगातार पुलिस टीम की दबिश से परेशान होकर मेराज ने सरैया चौकी पर आकर अधिवक्ता के साथ सरेंडर किया था, जिसके बाद पुलिस ने इसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाईयों में काफी इंवॅाल्मेंट रही

दीपक रनावत ने बताया कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाईयों में मेरी काफी इंवॅाल्मेंट रही है। चाहे वो भाई मेराज रहा हो या फिर सलीम मछली वाला रहा हो, जिसपे गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है और उसकी करोड़ों की संपत्ति कु्र्क हुई है।



परिवार और शिक्षा-दीक्षा

दीपक कुमार रनावत मूल रुप से प्रयागराज के रहने वाले है, यही से उनकी स्कूलिंग और कॅालेज की पढ़ाई पूरी हुई है। परिवार में दो बड़े भाई और माता है, पिता जी का 3 साल पहले देहांत हो गया जो सेंट्रल गवर्मेंट एम्प्लॅाई थे। बड़े भाई खुद का बिजनेस है और मझले भाई सरकारी टीचर है।

अभी हाल में ही हुई है शादी

बता दें कि अभी हाल ही में दीपक रनावत की अनुश्री बाजपेयी संग शादी हुई है। उनकी पत्नी लॅायर है, जिनसे उनकी मुलाकात यही वाराणसी में जब वो अस्सी चौकी इंजार्च थे, उस दौरान हुई थी।




दीपक कुमार रनावत का पुलिस में सेलेक्शन 2015 में फाइनल हुआ था, फिर 2017 नंवबर महीनें उन्होंने ज्वाइनिंग की थी। ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बतौर जैतपुरा चौकी इंचार्ज हुई थी। उसके बाद अस्सी चौकी इंजार्च, फिर लंका बीएचयू चौकी इंचार्ज, उसके बाद लहतारा चौकी इंचार्ज और फिर मिर्जामुराद थानाध्यक्ष थे उसके बाद फुलपुर थाना अध्यक्ष बनाए गए और अभी वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में बतौर पीआरओ कार्यरत है।

Updated On 23 Dec 2023 1:27 PM GMT
Ankita Yaduvanshi

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