कहते हैं न कि जब कुछ दिल से करने की ठान लो, तो किस्मत भी तुम्हारा भरपूर साथ देती है। बाधाएं तो आती हैं, लेकिन बाधाओं को पार कर आगे बढ़ना ही सफलता कहलाती है। हम बात कर रहे हैं, IAS ईशा दुहन की। ईशा दुहन अपने सख्त तेवरों के लिए जानी जाती हैं।

ईशा दुहन मूलरूप से हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली हैं। उनके पिता ईश्वर सिंह दुहन आईटीबीपी में डीआईजी पद पर तैनात थे। जिनसे उन्हें IAS बनने की प्रेरणा मिली।

जिन्होंने 8वीं क्लास में IAS बनने की ठान ली थी। ईशा दुहन 2014 बैच की IAS अधिकारी हैं। उन्होंने UPSC की परीक्षा में 59वीं रैंक हासिल की थी। वे बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में यूपीएससी की परीक्षा को क्रैक करने के लिए तैयारी शुरू की थी। हालांकि आईएएस बनने के लिए उन्होंने 8वीं कक्षा में ही मन बना लिया था। वे यूपीएससी की परीक्षा के लिए सुबह 5:30 बजे क्लास अटेंड करती थीं, जिसके बाद ही वे यूनिवर्सिटी पढने जाती थीं।



ग्रेजुएशन के बाद UPSC की तैयारी

समय बीता, ईशा को धीरे-धीरे एहसास हुआ कि वे अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करके ही यूपीएससी की तैयारी कर सकती हैं। कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ली आ गईं, और समर्पित भाव से UPSC में लग गईं।



अख़बार पढ़ना रूटीन में शामिल

ईशा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया था कि तैयारी के शुरूआती दिनों में उन्होंने सबसे पहले ऑप्शनल सब्जेक्ट को क्लियर करने की तैयारी की। एक बात जो कि ईशा के रूटीन में थी, वह थी- ‘अख़बार पढ़ना’। वे अख़बार नियमित रूप से प्रतिदिन पढ़ा करती थीं। अख़बारों में करंट अफेयर्स वगैरह के ढेरों डिटेल्स मिल जाते थे। इसके अलावा वे पुराने वर्षों के पेपर ज़रूर देखती थीं। पुराने पेपर्स से एग्जाम पैटर्न को समझने में काफी मदद मिलती है।

ईशा दुहन की गिनती तेज तर्रार IAS अधिकारियों में होती है। ईशा दुहन की बतौर जिलाधिकारी पोस्टिंग चंदौली में पहली बार हुई। वर्तमान में वह मेरठ में एडिशनल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। इससे पहले वे मेरठ में असि. मजिस्ट्रेट के पद पर, वाराणसी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर, बुलंदशहर और मेरठ में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर कार्य कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, ईशा दुहन वाराणसी विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष भी रही हैं।

बनारसी नारद

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