Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ट्रायल कोर्ट द्वारा 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजे जाने के आदेश को चुनौती दी गई है। मामले पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखते हुए कहा, "पूरे मामले में मेरी भूमिका साफ नहीं। ईडी कहती है कि मैंने सहयोग नहीं किया. 'असहयोग' शब्द का एजेंसी लगातार दुरुपयोग करती है. किसी को अपने खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

उन्होंने आगे कहा, अगर मैं यह कहूं कि मुझे कुछ याद नहीं। मेरी यादाश्त कमज़ोर है तो क्या यह गिरफ्तारी का आधार बन जाएगा। "चुनाव से ठीक पहले क्या मेरी गिरफ्तारी ज़रूरी थी? मैं कहीं भागा नहीं जा रहा था। मैंने कहा कि मुझे सवाल दीजिए।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होने का प्रस्ताव दिया. अब गिरफ्तार कर कहते हैं कि मैं सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता था. अगर ऐसा है तो क्या मैं इससे पहले ही ऐसा नहीं कर सकता था. असल में गिरफ्तारी की ज़रूरत थी ही नहीं."

केजरीवाल की गिरफ्तारी संविधान के खिलाफ'

वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी संविधान के खिलाफ है. यह कार्रवाई मौलिक ढांचे के विरुद्ध है. एक सीएम को चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संविधान के मूलभूत ढांचे का हिस्सा है. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तारी हुई. प्रचार से रोक दिया गया. एक सीएम को भी गिरफ्तार किया जा सकता है लेकिन सवाल उस गिरफ्तारी के समय का है.

'आपको जिरह किस मसले पर करनी है'

वहीं हाई कोर्ट के जज ने कहा, “मुझे समझना है कि दलील किस बात पर दी जा रही है. सुबह मैंने कहा था कि मुख्य मामले (गिरफ्तारी को चुनौती) पर नोटिस जारी कर विस्तार से सुनना होगा. तब कहा गया कि जो रिमांड कल खत्म हो रही है. उस मसले पर आपको जिरह करनी है.”

इस केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि दोनों बातों का एक ही परिणाम होगा कि मुझे आज ही अंतरिम जमानत पर रिहा कीजिए. गिरफ्तारी और रिमांड दोनों गलत हैं. फिर जज ने कहा कि लेकिन मुझे दूसरे पक्ष को भी सुनना होगा.

Updated On 27 March 2024 8:42 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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