वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे मामले में नया मोड़ आया है। जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में मिले वस्तुओं, सामग्रियों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए टीम बनाकर साक्ष्य और अवशेषों को सुरक्षित रखने की बात कही है। जिसे आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सके।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सर्वे के दौरान जो भी वस्तुएं, सामग्री मिले हैं, ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से वाद के निस्तारण के लिए अति महत्वपूर्ण हो सकती हैं, उन्हें सुरक्षित रखा जाए।

डीएम या उनके द्वारा नामित अधिकारी साक्ष्यों को रखे सुरक्षित

कोर्ट ने कहा कि इसके लिए एएसआई व डीएम या फिर उनकी ओर से नामित किसी अन्य अधिकारी की सुपुर्दगी में दिया जाए, जो इसे सुरक्षित रख सके। कोर्ट जब भी उन सामग्रियों को तलब करे, उसे प्रस्तुत करेंगे। अदालत ने यह आदेश शृंगार गौरी प्रकरण की मुख्य वादी राखी सिंह की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया। कोर्ट ने एएसआई टीम से कहा है कि सर्वे में मिले अब तक के साक्ष्यों की एक सूची अदालत और जिला मजिस्ट्रेट को सौंपे।

गौरतलब है कि शृंगार गौरी प्रकरण की वादिनी राखी सिंह ने ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने, एएसआई सर्वे में मिले साक्ष्यों और पूरे परिसर को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेशित करने की मांग वाली अर्जी अदालत में दी थी। आठ सितंबर को वादी के अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, सौरभ तिवारी व अनुपम द्विवेदी ने मांग के समर्थन में पुरजोर वकालत की।

पिछले साल मिले सबूत भी ASI अध्ययन कर रही

अधिवक्ताओं ने बहस में बताया कि कोर्ट कमीशन कार्यवाही में जो भी साक्ष्य मिले थे, एएसआई उनको भी गंभीरता से लेते हुए अध्ययन कर रही है। क्योंकि पूर्व में सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से सर्वे और साक्ष्य को लेकर विरोध व आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसलिए आशंका है कि परिसर में रहने वाले प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के लोग उसको नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इस संबंध में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से इस संबंध में आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी। अदालत ने सुनवाई पूरी कर पत्रावली सुरक्षित रखते हुए आदेश के लिए 13 सितंबर की तिथि नियत कर दी थी। वकीलों की हड़ताल की वजह से निर्धारित तिथि पर आदेश नहीं आ सका। अदालत ने गुरुवार को अपने आदेश में यह भी कहा है कि अदालत जब-जब साक्ष्यों को लेकर तलब करेगी एएसआई को लेकर आना होगा।

बनारसी नारद

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