वाराणसी। अपर जिला जज नवम की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाना में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर दिये गये बयान मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई टल गई है। अधिवक्ता हड़ताल पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। अब इस मामले अगली सुनवाई के लिए 20 सितंबर की होगी।

प्रकरण के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने बतौर वादी लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की है। जिसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वुजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही है। उनका दावा है वह स्थान हमारे अराध्य देव शिव का है। यह भी कहा है कि शिवलिंग की आकृति को लेकर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिन्दूओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए अखिलेश, ओवैसी व अंजुमन इंतजामिया कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

शृंगार गौरी प्रकरण की बुधवार को सुनवाई

जिला जज डॉ० अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में बुधवार को श्रृंगार गौरी प्रकरण में सुनवाई होनी है। सोमवार को वादिनी संख्या 2 से पांच की ओर से दाखिल अर्जी पर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से आपत्ति दाखिल की थी। पिछले तिथि पर इसी मामले में वादिनी संख्या 2 से पांच की ओर से ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को सारंक्षित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिए जाने की मांग करने वाली अर्जी दाखिल की थी। जिसपर कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या चार को इस अर्जी पर 11 सितंबर को आपत्ति दाखिल करने का समय दिया गया था। उसी के साथ अंजुमन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई थी।

बतादें कि श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादिनी संख्या एक राखी सिंह ने कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने और पूरे ज्ञानवापी परिसर को संरक्षित करने की कोर्ट से मांग करते हुए अर्जी दी है। इस अर्जी पर पिछली तिथि को बहस पूरी होने के बाद जिला जज की कोर्ट ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित रखते हुए 13 सितंबर की तिथि नियत कर दी थी।

वहीं इसी मामले में वादिनी संख्या 2 से पांच की ओर से पिछली तिथि को ज्ञानवापी परिसर में मिले साक्ष्यों को सारंक्षित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिए जाने की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष से आपत्ति मांगी थी। जिस पर सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में अपनी आपत्ति दाखिल कर दी गई। इस आपत्ति में कहा गया है कि वादिनी संख्या 2 से 5 ने बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया है। अभी वर्तमान में ज्ञानवापी परिसर में एएसआई द्वारा सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अभी तक एएसआई ने कोई भी आख्या कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की है और न ही कोई साक्ष्य मिलने की बात कही। ऐसे में मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर मुकदमे को मात्र विलंबित करने के उद्देश्य से वादिनी पक्ष की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है, जो खारिज होने योग्य है। मुस्लिम पक्ष की आपत्ति आने के बाद इस मामले में अदालत 13 सितंबर को सुनवाई करेगी।

बनारसी नारद

बनारसी नारद

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