वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी- मां श्रृंगार गौरी मुकदमे के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह एक संवेदनशील मसला है। सुप्रीम कोर्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच संबंधी हाईकोर्ट के आदेश की मेरिट परखना चाहता है।विष्णु शंकर जैन का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के अनुसार शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच के संबंध में ठोस तथ्यों और साक्ष्य के साथ अपना पक्ष रखेंगे। एक बार जब सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के स्तर से स्पष्ट हो जाएगा तो भगवान आदि विश्वेश्वर से जुड़ी ज्ञानवापी की आगे की लड़ाई में कोई अड़चन नहीं आएगी।

श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत के आदेश से ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिलने का दावा किया गया था। इस जगह को पहले जिला अदालत और फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किया गया है। हिंदू पक्ष ने जिला जज की अदालत में मांग की थी कि शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक पद्धति से जांच कराई जाए।

जिला जज की अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 14 अक्तूबर 2022 को हिंदू पक्ष की मांग खारिज कर दी थी। जिला जज की अदालत ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 के अपने आदेश में कहा था कि सर्वे में मिली शिवलिंग जैसी आकृति को सुरक्षित और संरक्षित रखा जाए। कार्बन डेटिंग या जीपीआर तकनीक का प्रयोग करने से शिवलिंग जैसी आकृति को क्षति पहुंचेगी तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा।

जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। बीते 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक पद्धति से जांच का आदेश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को दिया। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अब सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक सर्वे पर रोक लगा दी।

ज्ञानवापी परिसर के जीपीआर तकनीक से एएसआई के सर्वे पर वर्ष 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट भी रोक लगा चुका है। इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश फिलहाल सुरक्षित है। दरअसल, वर्ष 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर मुकदमा दाखिल किया गया था। वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने जिला अदालत में प्रार्थना पत्र देकर ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण जीपीआर तकनीक से कराने की मांग की थी। आठ अप्रैल 2021 को जिला अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। इस पर हाईकोर्ट ने सितंबर 2021 में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर रोक लगा दी थी।

Updated On 21 May 2023 3:55 AM GMT
Vipin Singh

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