वाराणसी। दुनियाभर के शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के विवाह उत्सव महाशिरात्रि के दिन काशी में बाराती बनने के लिए लालायित रहते हैं। बाबा विश्वनाथ के विवाह का महापर्व इस साल बेहद…

वाराणसी। दुनियाभर के शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के विवाह उत्सव महाशिरात्रि के दिन काशी में बाराती बनने के लिए लालायित रहते हैं। बाबा विश्वनाथ के विवाह का महापर्व इस साल बेहद खास होगा, क्योंकि वर्ष 1835 में महाराजा रणजीत सिंह के गुंबज को स्वर्णमंडित कराने के बाद, प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरताल पर उतारते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने विस्तार दिया। 13 दिसम्बर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का पीएम ने लोकार्पण किया। इसी दौरान बाबा को गुप्तदान में 60 किलो सोना मिला जिससे गर्भगृह और बाहरी दीवार को स्वर्ण मंडित किया गया है। अब इस स्वर्ण मंडित गर्भगृह में पहली बार भक्त बाबा का विवाह उत्सव मनाएंगे।

भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी जहां देवाधिदेव महादेव खुद विराजते है। तीनों लोक से न्यारी काशी में शिव भक्त बाबा के विवाह में शामिल होने के लिए बड़ी तादात में आ सकते हैं। इसके लिए प्रसाशन तैयारियों में जुटा।

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि में भक्त गंगा द्वार से भी दर्शन के लिए जा सकेंगे, साथ ही भक्तों की संख्या का अनुमान लगते हुए सड़कों पर भी बैरिकेटिंग की जा रही है, जिससे श्रद्धालु कतारबद्ध होकर आराम से दर्शन कर सकें।

महाशिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने स्पर्श दर्शन पर भी रोक लगा दी है। इस दिन शिवभक्तों को बाबा विश्वनाथ सिर्फ झांकी दर्शन ही देंगे, ताकि सभी भक्त आसानी से उनके दर्शन कर सकें। बताते चलें कि शिवभक्तों की सहूलियत के लिए मंदिर न्यास के 200 अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा वालंटियर भी तैनात किए हैं।

Updated On 17 Feb 2023 11:02 PM GMT
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