बॉलीवुड के पास इस वक़्त मनोज बाजपेयी जैसा अद्भुत कलाकार हैं जिनकी अदाकारी और फिल्मों का फैंस को बेसब्री से इंतेजार रहता हैं। जो कभी बॉक्स आफिस की कसौटी पर खरी न भी उतरे लेकिन चाहनेवालों के दिल पर दस्तक जरूर देती हैं यही शिद्दत मनोज बाजपेयी को एक बड़ा स्टार बनाती हैं। हाल ही मनोज बाजपेयी और शर्मिला टैगोर की फ़िल्म गुलमोहर लोगों को खूब पसंद आ रही हैं और फ़िल्म रिलीज के बाद अपने क्रू के साथ मनोज बाजपेयी पहुचे सोसाइटी मैगज़ीन के कवर लांच पर। जहा पर उन्होंने सोसाइटी अचीवर्स के कवर का अनावरण किया।

मनोज बाजपेयी के अलावा इस कवर लांच के मौके पर फ़िल्म गुलमोहर के डायरेक्टर राहुल चितेल्ला अपनी पूरी क्रू के साथ थे। साथ ही वहां मीडिया मैग्नेट नारी हीरा, अशोक धमांकर, एंड्रिया कोस्टाबीर, मोहम्मद मोरानी, डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर, मंजू लोढ़ा, सिमरन आहूजा थी, जिनकी मौजूदगी में ये कवर लांच हुआ।

इस मौके पर एक्टर मनोज बाजपेयी ने बचपन की एक बहुत बड़ी बात बताई, जिसके बाद उन्होंने एक्टर बनने का फैसला किया। मनोज बाजपेयी ने कहा कि मैं बहुत छोटा था, पांचवी या छठवीं क्लास में था और हमारी क्लास से किसी एक को एलुकेशन में कविता का वर्णन करना था। मैं नहीं जानता कि इसके पीछे की वजह, लेकिन मैं बहुत शर्मिला और रिज़र्व स्वभाव का था जो कभी-कभी दीवारों पर कूदता था तो इस पर टीचर ने मुझे ठीक करने की ठानी।

उन्होंने कहा कि इस कविता का वर्णन सबके सामने तुम्हे करना होगा और ये कविता श्री हरिवंश राय बच्चन जी की लिखी हुई थी। रोज क्लास खत्म होने के बाद मेरे टीचर मुझे इस तैयारी में मदद करते थे। जब मैंने स्टेज पर कविता को वर्णित करने के बाद लोगों ने बहुत वाहवाही की और तब मुझे लगा कि ये मेरे लिए बना हैं। मैंने उस दिन ये निर्धारित किया कि मुझे एक अभिनेता बनना हैं जो एक गांव से आता है और एक किसान का बेटा हैं। ये सब ऊपर वाले का करम होता हैं। इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सोसाइटी अचीवर्स भारत की प्रमुख सेलिब्रिटी समाचार और जीवन शैली पत्रिका है, जो विभिन्न क्षेत्रों के अचीवर्स और आइकन की प्रेरक सफलता की कहानियों को कवर करती है।

हिन्दुस्थान सामाचार/लोकेश चंद्रा

Updated On 22 March 2023 12:10 PM GMT
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